नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार को दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिला स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्यों के साथ संवाद करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को यह जानकारी दी.
'आत्मनिर्भर नारी-शक्ति से संवाद' नाम से आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री वीडियो कांफ्रेंस के जरिए स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की सफलता की कहानी का संक्षिप्त विवरण तथा कम व छोटी जोत वाली खेती से पैदा होने वाली आजीविका पर एक पुस्तिका भी जारी करेंगे.
पीएमओ ने बताया कि इस अवसर पर मोदी चार लाख स्व-सहायता समूहों को 1,625 करोड़ रुपये की सहायता राशि भी जारी करेंगे.
पीएमओ ने कहा, इसके अलावा वह पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (पीएमएफएमई) के तहत आने वाले 7,500 स्व-सहायता समूहों को 25 करोड़ रुपये की आरंभिक धनराशि भी जारी करेंगे.
पीएमएफएमई खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की योजना है.
इसी तरह मिशन के तहत आने वाले 75 एफपीओ (किसान उत्पादक संगठनों) को प्रधानमंत्री 4.13 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान करेंगे.
इस कार्यक्रम में ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री गिरिराज सिंह, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और फग्गन सिंह कुलस्ते, पंचायत राज राज्यमंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल भी उपस्थित रहेंगे.
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ज्ञात हो कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों के गरीब ग्रामीण परिवारों को स्व-सहायता समूहों से जोड़ना है. यह क्रमबद्ध तरीके से किया जाता है और गांव के गरीबों को लंबे समय तक सहायता दी जाती है ताकि वे अन्य तरह से भी अपनी आजीविका प्राप्त कर सकें, अपनी आय और जीवन के स्तर में सुधार ला सकें.
पीएमओ ने कहा कि मिशन की कई पहलों को कार्यान्वित किया जा रहा है. स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलायें प्रशिक्षित होकर अपने समुदाय की अगुआ बन गई हैं, जैसे कृषि सखी, पशु सखी, बैंक सखी, बीमा सखी, बैंक संवाद सखी, आदि.
पीएमओ के मुताबिक मिशन स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को शक्तिसम्पन्न भी बना रहा है. मिशन घरेलू हिंसा, महिला शिक्षा और लैंगिक मुद्दों, पोषण, स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि से जुड़े मुद्दों के प्रति जागरूक बना रहा है और उनकी समझ व व्यवहार को विकसित कर रहा है.
(पीटीआई-भाषा)