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SCO Summit: पीएम मोदी बोले, हम भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलना चाहते हैं

पीएम नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग और एससीओ के अन्य सदस्य देशों के नेताओं के साथ संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया. पीएम मोदी ने शिखर बैठक से अलग द्विपक्षीय स्तर पर भी नेताओं से मुलाकात की.

PM Modi to attend SCO Summit in Uzbekistan today
पीएम मोदी आज उज्बेकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे

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Published : Sep 16, 2022, 10:39 AM IST

Updated : Sep 16, 2022, 4:19 PM IST

समरकंद:उज्बेकिस्तान के समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर भारत को एक विनिर्माण केंद्र बनाने की बात को दोहराया. पीएम मोदी ने 22वें शिखर सम्मेलन के विस्तारित प्रारूप को संबोधित करते हुए कहा, 'दुनिया कोविड-19 महामारी पर काबू पा रही है. कोविड-19 और यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में कई व्यवधान आए. हम भारत को एक विनिर्माण केंद्र में बदलना चाहते हैं.' देश की आर्थिक स्थिरता पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि भारत में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं.

पीएम मोदी ने कहा, 'हम एक जन-केंद्रित विकास मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. हम हर क्षेत्र में नवाचार का समर्थन कर रहे हैं. आज, हमारे देश में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं.' उन्होंने कहा, 'भारत की अर्थव्यवस्था के इस साल 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है. मुझे खुशी है कि हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है.'

प्रधानमंत्री ने पड़ोसी देशों के बीच खाद्य आपूर्ति के 'पारगमन अधिकार' का मुद्दा भी उठाया, जिसमें कहा गया कि भारत को पाकिस्तान के माध्यम से अफगानिस्तान को आपूर्ति भेजने में कई महीने लग गए. एससीओ शिखर सम्मेलन में आमतौर पर 2 सत्र होते हैं - एक प्रतिबंधित सत्र, केवल एससीओ सदस्य राज्यों के लिए, और फिर एक विस्तारित सत्र जिसमें पर्यवेक्षकों और विशेष आमंत्रितों की भागीदारी शामिल होती है.

एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम आपसी सहयोग बढ़ाना चाहते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अन्य सदस्य देशों के नेताओं के साथ इस प्रभावशाली संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन में शुक्रवार को हिस्सा लिया. गलवान घाटी में जून 2020 में हुई हिंसक झड़प के कारण भारत एवं चीन के बीच सीमा पर गतिरोध की स्थिति पैदा होने के बाद शी और मोदी पहली बार आमने-सामने आएंगे.

इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और मध्य एशियाई देशों के अन्य नेता भाग ले रहे हैं. शिखर सम्मेलन के सीमित प्रारूप के दौरान विचार-विमर्श से पहले, समूह के स्थायी सदस्यों के नेताओं ने एक साथ तस्वीर खिंचवाई. शिखर सम्मेलन के परिसर पर उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया.

शिखर सम्मेलन के बाद मोदी के कुछ द्विपक्षीय बैठकें भी करने का कार्यक्रम है. वह पुतिन, मिर्जियोयेव और रईसी से मुलाकात कर सकते हैं. मोदी करीब 24 घंटे के दौरे पर बृहस्पतिवार की रात यहां पहुंचे थे. मोदी ने समरकंद रवाना होने से पहले एक बयान जारी कर कहा, 'मैं एससीओ शिखर सम्मेलन में सामयिक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने, एससीओ के विस्तार और संगठन के भीतर बहुआयामी और परस्पर लाभकारी सहयोग को और गहरा करने को लेकर उत्सुक हूं.'

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उन्होंने कहा कि उज्बेकिस्तान की अध्यक्षता में व्यापार, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्रों में आपसी सहयोग के लिए कई फैसले लिए जाने की उम्मीद है. एससीओ की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी और इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. भारत और पाकिस्तान इसमें 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए थे.

(एजेंसी)

Last Updated : Sep 16, 2022, 4:19 PM IST

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