नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित सीबीएसई छात्रों के साथ एक सत्र में अचानक शामिल हो गए. उन्होंने बैठक के दौरान छात्रों के माता-पिता के साथ भी बातचीत की और छात्रों और उनके माता-पिता के मुद्दों और चिंताओं पर उनके साथ चर्चा की.
शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के शामिल होने के बारे में किसी के पास कोई जानकारी नहीं थी और न ही यह पहले से तय था कि पीएम इसमें शामिल होंगे.
हालांकि पीएम ने अचानक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होकर सभी को चौंका दिया. इस दौरान पीएम ने छात्रों के माता-पिता से बात की. छात्रों और उनके अभिभावकों के साथ संवाद किया और कहा कि परीक्षा रद्द होने के बाद के समय का सदुपयोग उन्हें रचनात्मक और लाभकारी गतिविधियों में करना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने छात्रों से पूछा कि वह क्या इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) और चैम्पियंस लीग देखना पसंद करेंगे या फिर आलंपिक का इंतजार करेंगे.
उन्होंने छात्रों से कहा कि उन्हें 'स्वास्थ ही धन है' के मंत्र को हमेशा याद रखना चाहिए और पूछा कि शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए वह क्या करते हैं.'
पंचकुला के 12वीं के छात्र हितेश्वर शर्मा ने कहा, 'प्रत्येक दिन हमारे ऊपर दबाव बढ़ रहा था. मैं शीर्ष पर स्थान बनाने के लिहाज से तैयारी कर रहा था, लेकिन मेरा मानना है कि हमने जो पढ़ाई की है वह कभी व्यर्थ नहीं जाती.'
प्रधानमंत्री ने जब छात्रों से पूछा कि परीक्षा रद्द होने से उनके मन में कोई खालीपन सा आया क्योंकि वे एक मई की सुबह तक तैयारियों में व्यस्त थे, इसके जवाब में गुवाहाटी के एक छात्र ने जवाब दिया, सर, आपने पहले कहा था कि परीक्षा को त्योहार के रूप में मनाना चाहिए था. इसलिए परीक्षा को लेकर मेरे मन में कोई तनाव नहीं था. बाहर की परिस्थितियां अच्छी नहीं थी, लेकिन मुझे पूरा भरोसा था कि जो भी फैसला लिया जाएगा वह बुद्धिमत्तापूर्ण होगा.'
नंदन हेगड़े नाम के एक अन्य छात्र ने कहा कि उन्होंने परीक्षा की बहुत तैयारी की थी और इसके लिए पूरी तरह तैयार था लेकिन मेरा मानना है कि जीवन में यह कोई आखिरी परीक्षा नहीं है.