मांड्या (कर्नाटक) :कर्नाटक के मांड्या में रहने वाला नूतन (25 वर्ष) अब काफी खुश है. अब उसे स्पेशल लोगों को मिलने वाली पेंशन और सरकारी दुकान से राशन मिलेगा. मांड्या के तंदासनहल्ली में रहने वाला नूतन पिछले करीब दो साल से इन सुविधाओं के लिए दर-दर भटक रहा था, क्योंकि उसकी विचित्र बीमारी के कारण उसका आधार कार्ड ब्लॉक हो गया था. अब बिना आधार कार्ड के किसी को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है.
तंदासनहल्ली में रहने वाले नूतन पैदाइश से ही दिव्यांग है. उसके के पास आधार कार्ड था. उसकी विकलांगकता और आर्थिक स्थिति के कारण उसे सरकारी योजनाओं से राशन और पेंशन मिलती थी. मगर अचानक से नूतन को स्कीन की प्रॉब्लम हो गई. उसके शरीर में चकत्ते बनने के कारण उसकी बायोमीट्रिक पहचान खत्म हो गया. अंगूठे के साथ उसकी आंखों में भी बदलाव हुए. बायोमीट्रिक पहचान खत्म होते ही सरकार से मिलने वाली सारी सुविधाएं बंद हो गई. उसका आधार कार्ड ब्लॉक हो गया. उसने अपने परिवारवालों के साथ कई दफ्तरों और अधिकारियों के चक्कर काटे, सभी ने साफ लहजे में बता दिया कि आधार कार्ड के बिना उसे सुविधा देना संभव नहीं है. जब आधार कार्ड को एक्टिव करने के लिए बायोमीट्रिक आइडेंटिटी मैच नहीं कर रही थी.