नई दिल्ली :प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 की स्थिति पर मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा, दूसरी लहर में कोरोना तेजी से फैल रहा है. महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात और अन्य राज्यों में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. यह हम सभी के लिए चिंताजनक और गंभीर चिंता का विषय है.
कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए फिर से युद्ध स्तर पर काम करना जरूरी है. तमाम चुनौतियों के बाद भी हमारे पास पहले की अपेक्षा बेहतर अनुभव और संसाधन हैं और वैक्सीन भी हमारे पास है.
हमारा अनुभव कहता है 'टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट', यह आगे बढ़ने का मंत्र है. हमें कोरोना प्रबंधन पर भी ध्यान देना चाहिए.
उन्होंने कहा, आज हम जितनी ज्यादा वैक्सीन की करते हैं, इससे ज्यादा हमें टेस्टिंग पर बल देने की जरूरत है. टेस्टिंग और ट्रेकिंग की बहुत बड़ी भूमिका है. टेस्टिंग को हमें हल्के में नहीं लेना होगा. मैं आप सभी से कोरोना परीक्षण पर जोर देने की अपील करता हूं. हमारा लक्ष्य 70% आरटी-पीसीआर परीक्षण करना है. सक्रमित मामलों की संख्या अधिक हो रही है, लेकिन ध्यान अधिकतम परीक्षण पर केंद्रित करें. उचित नमूना का संग्रह बहुत महत्वपूर्ण है, इसे उचित शासन के माध्यम से जांचा जा सकता है.
वैक्सीनेशन के साथ हमें ये भी ध्यान रखना है कि वैक्सीन लगवाने के बाद की लापरवाही न बढ़े. हमें लोगों को ये बार-बार बताना होगा कि वैक्सीन लगने के बाद भी मास्क और सावधानी जरूरी है.
पीएम मोदी ने कहा, हमें सूक्ष्म-नियंत्रण क्षेत्रों (माइक्रो कंटेनमेंट जोन) पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. उन जगहों पर जहां रात में कर्फ्यू लगाया गया है, मैं कोरोना कर्फ्यू शब्द का उपयोग करने का आग्रह करूंगा ताकि कोरोना वायरस के बारे में सतर्कता जारी रखी जा सके.