नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि अगले डेढ़ दशकों में 5जी से देश की अर्थव्यवस्था में 450 अरब डॉलर का योगदान होने वाला है और इससे देश की प्रगति और रोजगार निर्माण के अवसर को गति मिलेगी. भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के रजत जयंती समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 21वीं सदी के संपर्क यानी कनेक्टिविटी, देश की प्रगति की गति को निर्धारित करेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के रजत जयंती समारोह के उपलक्ष्य पर डाक टिकट जारी किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि TRAI से जुड़े सभी साथियों को सिल्वर जुबली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. आज जब आपकी संस्था ने 25 साल पूरे किए हैं, तब देश आजादी के अमृत काल में अगले 25 वर्ष के रोडमैप पर काम कर रहा है. नए लक्ष्य तय कर रहा है.
उन्होंने कहा कि मुझे देश को अपना, खुद से निर्मित 5G Testbed राष्ट्र को समर्पित करने का अवसर मिला है. ये टेलिकॉम सेक्टर में क्रिटिकल और आधुनिक टेक्नोलॉजी की आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक अहम कदम है. मैं इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी साथियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं. पीएम मोदी ने कहा कि 5Gi के रूप में जो देश का अपना 5G standard बनाया गया है, वो देश के लिए बहुत गर्व की बात है. ये देश के गांवों में 5G टेक्नोलॉजी पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएगा.
पीएम मोदी ने कहा कि 5G टेक्नोलॉजी देश की गवर्नेंस में, ईज ऑफ लिविंग, ईज ऑफ डुईंग बिजनेस में सकारात्मक बदलाव लाने वाली है. इससे खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक, हर सेक्टर में ग्रोथ को बल मिलेगा. इससे सुविधा भी बढ़ेगी और रोज़गार के भी अनेक अवसर बनेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता और स्वस्थ स्पर्धा कैसे समाज में, अर्थव्यवस्था में गुणात्मक प्रभाव पैदा करती है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण हमारा टेलिकॉम सेक्टर है. 2G काल की निराशा, हताशा, करप्शन, पॉलिसी पैरालिसिस से बाहर निकलकर देश ने 3G से 4G और अब 5G और 6G की तरफ तेज़ी से कदम बढ़ाए हैं.
पीएम ने कहा कि बीते वर्षों में सरकार जिस तरह नई सोच और एप्रोच के साथ काम कर रही है, उससे आप सभी भली-भांति परिचित हैं. भूमिगत वाली सोच से आगे निकलकर अब देश सरकार के पूरे दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा है. आज हम देश में tele-density और internet users के मामले में दुनिया में सबसे तेजी से विस्तार कर रहे हैं तो उसमें टेलीकॉम समेत कई सेक्टर्स की भूमिका रही है.
दो लाख ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी :उन्होंने कहा कि 2014 में जब हम आये, तो हमने सबका साथ सबका विकास और इसके लिए टेक्नोलॉजी के व्यापक उपयोग को अपनी प्राथमिकता बनाया. इसके लिए जरूरी था कि देश के करोड़ों लोग आपस में जुड़ें, सरकार से भी जुड़ें और सरकार की सभी इकाइयां भी एक प्रकार से एक ऑर्गेनिक इकाई बनाकर आगे बढ़ें. इसलिए हमने जनधन आधार और मोबाइल की ट्रिनिटी को डायरेक्ट गवर्नेंस का माध्यम बनाना तय किया. मोबाइल गरीब से गरीब परिवार की भी पहुंच में हो, इसके लिए हमनें देश में ही मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग पर बल दिया. 2014 से पहले भारत में 100 ग्राम पंचायतें भी ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी से नहीं जुड़ी थीं. आज हम करीब पौने दो लाख ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचा चुके हैं. कुछ समय पहले सरकार ने देश के नक्सल प्रभावित अनेक जनजातीय जिलों में 4जी सुविधा पहुंचाने की बड़ी शुरुआत की है.
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