नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश तभी विकास कर सकता है जब विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचे और यह 'मोदी की गारंटी' है कि दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वालों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिले.
उन्होंने कहा कि त्रेता युग में राजा राम की कथा हो या आज की 'राज-कथा' यह गरीब, वंचित और जनजातीय लोगों के कल्याण के बिना संभव ही नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार इसी सोच के साथ लगातार काम कर रही है और इसी का प्रतिफल है कि जिनको कभी किसी ने पूछा नहीं, उनको मोदी आज पूछता भी है और पूजता भी है.
प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के एक लाख लाभार्थियों को 540 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी करने के बाद वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपने संबोधन में मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार के 10 साल गरीबों को समर्पित रहे.
उन्होंने कहा, 'त्रेता में राजा राम की कथा हो या आज की राज-कथा बिना गरीब, बिना वंचित, बिना वनवासी भाई-बहनों के कल्याण के संभव ही नहीं है. इसी सोच के साथ हम लगातार काम कर रहे हैं. हमने 10 साल गरीबों को समर्पित किए. गरीबों को 4 करोड़ से अधिक पक्के घर बनाकर दिए.' उन्होंने कहा, 'जिनको कभी किसी ने पूछा नहीं, उनको मोदी आज पूछता भी है और पूजता भी है.'
'प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण' के लाभार्थियों को 540 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की गई. इस दौरान लाभार्थियों ने रसोई गैस कनेक्शन, बिजली, पाइप से पानी और आवास सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के बाद अपने जीवन में आए सकारात्मक बदलावों पर प्रकाश डाला. प्रधानमंत्री ने संवाद के दौरान कहा, 'हमारी सरकार का प्रयास है कि कोई भी उसकी कल्याणकारी योजनाओं से वंचित नहीं रहे.'
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का उल्लेख करते हुए मोदी ने रामायण के प्रमुख चरित्रों में एक शबरी को याद किया और कहा कि इन दिनों उन्होंने भी 11 दिन व्रत-अनुष्ठान का एक संकल्प किया हुआ है और इस दौरान वे श्री राम का ध्यान और स्मरण कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'जब आप प्रभु राम का स्मरण करेंगे तो माता शबरी की याद आना बहुत स्वाभाविक है. श्रीराम की कथा माता शबरी के बिना संभव ही नहीं है. अयोध्या से जब राम निकले थे तब तो वह राजकुमार थे. लेकिन राजकुमार राम, मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में हमारे सामने आए क्योंकि माता शबरी हो, केवट हो, निषाद राज हो... न जाने कौन-कौन से लोग... जिनके सानिध्य ने राजकुमार राम को प्रभु राम बना दिया.'
'योजनाएं अति पिछड़े जनजातीय लोगों तक पहुंचें': प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की योजनाएं अति पिछड़े जनजातीय लोगों तक पहुंचें, यही पीएम-जनमन महाअभियान का उद्देश्य है. उन्होंने कहा, 'सरकार पूरी ताकत लगा रही है कि हमारे अति पिछड़े जनजातीय भाई-बहनों तक सरकार की हर योजना जल्द से जल्द पहुंचे. मेरा कोई अति पिछड़ा भाई-बहन अब सरकार की योजना के लाभ से छूटेगा नहीं.'