नई दिल्ली:संविधान निर्माता, भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को 66वें महापरिनिर्वाण दिवस पर पूरा कृतज्ञ राष्ट्र याद कर रहा है. सामाजिक बुराईयों को खत्म करने में उन्होंने अपना पूरा जीवन लगा दिया. उन्होंने जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ लंबा संघर्ष किया. उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था. वह बहुत बड़े विद्वान और समाज सुधारक थे.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर का निधन 6 दिसंबर, 1956 को हुआ. आंबेडकर की पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में माना जाता है. वर्ष 1990 में अम्बेडकर को भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद में डॉ भीम राव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति भवन की ओर से ट्वीट किया गया, 'राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली के संसद भवन लॉन में बाबासाहेब डॉ. बी.आर. अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, 'महापरिनिर्वाण दिवस पर, मैं डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और हमारे देश के लिए उनकी अनुकरणीय सेवा को याद करता हूं.
उनके संघर्षों ने लाखों लोगों को उम्मीद दी और भारत को इतना व्यापक संविधान देने के उनके प्रयासों को कभी नहीं भुलाया जा सकता है.' संसद में भारतीय संविधान के निर्माता की प्रतिमा पर, पीएम मोदी ने यहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और अन्य नेताओं के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की.
वहीं, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कांग्रेस सांसदों ने आज संसद में डॉ बीआर अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की.