वाशिंगटन : विदेश सचिव विनय क्वात्रा (Foreign Secretary Vinay Kwatra) ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) ने अपनी बातचीत में वैश्विक समुदाय के समक्ष मौजूद सभी ज्वलंत चुनौतियों पर चर्चा की और इस बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया कि भारत और अमेरिका किस प्रकार से आतंकवाद सहित इन चुनौतियों का समाधान निकालने में सहयोग कर सकते हैं. क्वात्रा ने संवाददाताओं को मोदी की अमेरिका यात्रा के दूसरे दिन हुई वार्ताओं का ब्योरा दिया, जिसकी शुरुआत व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में भव्य स्वागत कार्यक्रम से हुई.
इसके बाद द्विपक्षीय चर्चाएं हुईं, प्रेस को संबोधित किया गया, अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया गया और फिर राजकीय भोज हुआ, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला और अल्फाबेट के प्रमुख सुंदर पिचाई सहित कई विशिष्ट गणमान्य अतिथि शामिल हुए. विदेश सचिव क्वात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि भारत और अमेरिका के बीच हुई वार्ता में प्रौद्योगिकी सहयोग का मुद्दा प्रमुखता से शामिल था और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जारी राजकीय यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण परिणामों में से एक है.
क्वात्रा ने कहा, 'अमेरिकी कांग्रेस में आतंकवाद की चुनौती का जिक्र करने के साथ प्रधानमंत्री ने कहा कि 11 सितंबर (2001) की घटना के दो दशक और 26 नवंबर (2008) की घटना के एक दशक बाद भी आतंकवाद की समस्या वैश्विक समुदाय के लिए एक गंभीर चुनौती बनी हुई है.' उन्होंने बताया कि मोदी ने स्पष्ट रूप से 'अंतरराष्ट्रीय समुदाय के यह बात समझने की आवश्यकता पर जोर दिया कि जो लोग आतंकवाद को प्रायोजित करते हैं, आतंकवाद का समर्थन करते हैं, वे हमारे समाज की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बने हुए हैं और उनसे बहुत सख्ती से निपटना होगा.'
विदेश सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच हुई चर्चा में दोनों नेताओं ने ऐसी वैश्विक चुनौतियों के सभी पहलुओं पर चर्चा की और इस पर भी मंथन किया कि भारत एवं अमेरिका इस चुनौती को कम करने, इसका समाधान करने और यथासंभव व्यापक रूप से निपटने के लिए कैसे सहयोग कर सकते हैं. उन्होंने यात्रा को पथ-प्रदर्शक बताते हुए कहा कि यह कई मायनों में बेहद सफल रही। उन्होंने यात्रा की उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिए रक्षा सहित विभिन्न समझौतों का उल्लेख किया.