नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत-रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश मिलकर वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता लाने में मदद कर सकते हैं.
ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (ईईएफ) के पूर्ण सत्र को वीडियो कन्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए मोदी ने कोरोना से बचाव के टीकाकरण कार्यक्रम सहित कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों देशों के बीच ‘बेहतर’ सहयोग का भी उल्लेख किया.
ईईएफ का आयोजन रूस के व्लादिवोस्तोक शहर में किया जा रहा है. प्रधानमंत्री ने रूस के सुदूर पूर्व में विकास के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सोच की सराहना करते हुए कहा कि भारत इस सपने को साकार करने में रूस का एक भरोसमंद साझेदार होगा.
भारत में एक प्रतिभाशाली और समर्पित कार्यबल उपलब्ध होने और रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र के संसाधन संपन्न होने की स्थिति पर गौर करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय प्रतिभाओं के लिये रूस के इस क्षेत्र के विकास में योगदान योगदान करने की जबरदस्त गुंजाइश है.
प्रधानमंत्री ने फोरम में हिस्सा लेने के लिए 2019 में व्लादिवोस्तोक की अपनी यात्रा और उस दौरान "एक्ट फार ईस्ट पॉलिसी" के लिए भारत की प्रतिबद्धता की घोषणा का भी उल्लेख किया.
मोदी ने कहा कि यह नीति रूस के साथ भारत की "विशेष और करीबी रणनीतिक साझेदारी" का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति पुतिन, मुझे 2019 में व्लादिवोस्तोक से ज्वेज्दा तक नाव यात्रा के दौरान हुई हमारी लंबी बातचीत याद है. आपने मुझे ज्वेज्दा में आधुनिक जहाज निर्माण प्रतिष्ठान दिखाया था और उम्मीद जतायी थी कि भारत इस शानदार उद्यम में भाग लेगा. आज मुझे इस बात की खुशी है कि भारत के सबसे बड़े शिपयार्ड में से एक, मझगांव डॉक्स लिमिटेड, दुनिया के कुछ सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक जहाजों के निर्माण के लिए ज्वेज्दा के साथ साझेदारी करेगा.'
मोदी ने कहा कि भारत और रूस गगनयान कार्यक्रम के माध्यम से अंतरिक्ष अन्वेषण में भागीदार हैं और दोनों देश अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वाणिज्य के लिए उत्तरी समुद्री मार्ग को खोलने में भी भागीदार होंगे.
भारत और रूस की दोस्ती को समय की कसौटी पर खरी बताते हुये उन्होंने कहा कि हाल ही में टीके के क्षेत्र में सहयोग सहित कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों देशों के बीच मजबूत सहयोग में यह दिखा है.
मोदी ने कहा कि महामारी ने द्विपक्षीय सहयोग में स्वास्थ्य और औषधि क्षेत्रों के महत्व को रेखांकित किया है. उन्होंने कहा, 'ऊर्जा हमारी रणनीतिक साझेदारी का एक अन्य प्रमुख स्तंभ है. भारत-रूस ऊर्जा साझेदारी वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता लाने में मदद कर सकती है.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय कामगार यमल से व्लादिवोस्तोक और उसके बाद चेन्नई तक अमूर क्षेत्र की प्रमुख गैस परियोजनाओं में भाग ले रहे हैं.