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अफगानिस्तान के राजदूत का भारत के चिकित्सक के साथ अनुभव दोनों देशों के रिश्तों की महक : मोदी - Prime Minister Narendra Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि भारत में अफगानिस्तान के राजदूत का एक भारतीय चिकित्सक के साथ अनुभव भारत-अफगानिस्तान के रिश्तों की 'महक' है. मोदी ने यह बात राजदूत के हिन्दी में किए गए एक ट्वीट के जवाब में कही.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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Published : Jul 1, 2021, 9:03 PM IST

नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (Prime Minister Narendra Modi) बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई (Farid Mamundzay) का एक भारतीय चिकित्सक के साथ सुखद अनुभव भारत-अफगानिस्तान के रिश्तों की 'महक' है. मोदी ने यह बात मामुन्दजई के हिन्दी में किए गए एक ट्वीट के जवाब में कही जिसमें उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए भारत और भारतीयों की प्रशंसा की.

दरअसल, मामुन्दजई कुछ दिन पहले एक चिकित्सक के पास इलाज कराने गए थे. चिकित्सक को जब यह पता चला कि मरीज भारत में अफगानिस्तान के राजदूत हैं तो उन्होंने फीस नहीं ली. ट्विटर पर अपना अनुभव साझा करते हुए राजदूत ने बताया कि जब उन्होंने इसका कारण पूछा तो उक्त चिकित्सक ने बताया कि वह अफगानिस्तान के लिए बहुत कुछ नहीं कर सकते इसलिए कम से कम 'एक भाई से फीस नहीं लूंगा.'

अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई का ट्वीट

उन्होंने लिखा, 'आभार व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं थे. यह भारत है; प्यार, सम्मान, मूल्य और करुणा. आपके कारण मेरे दोस्त, अफगान थोड़ा कम रोते हैं, थोड़ा और मुस्कुराते हैं और बहुत अच्छा महसूस करते हैं.'मामुन्दजई द्वारा बुधवार को किया गया ट्वीट जब वायरल हो गया तो बलकौर सिंह ढिल्लों नामक एक शख्स ने उन्हें अपने गांव हरिपुरा आने का न्योता दिया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अफगान राजदूत ने पूछा कि क्या यह हरिपुरा गुजरात के सूरत में है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट

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ढिल्लों के मुताबिक उनका गांव हरिपुरा पंजाब की सीमा से लगे राजस्थान के हनुमानगढ़ में है. इसके बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया और मामुन्दजई से कहा कि वह ढिल्लों के गांव हरिपुरा भी जाएं और गुजरात के सूरत स्थित हरिपुरा भी जाएं.

उन्होंने कहा, 'गुजरात का हरिपुरा भी अपने आप में इतिहास समेटे हुए है. मेरे भारत के एक डॉक्टर के साथ का अपना जो अनुभव आपने साझा किया है, वह भारत-अफगानिस्तान के रिश्तों की महक है.'
गुजरात के हरिपुरा का महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ गहरा नाता है. सुभाष चंद्र बोस की अध्यक्षता में 19 से 22 फरवरी, 1938 के दौरान हरिपुरा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक हुई थी जो हरिपुरा अधिवेशन के नाम से मशहूर है. इसी हरिपुरा अधिवेशन में नेताजी को कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया था.

प्रधानमंत्री के ट्वीट के जवाब में मामुन्दजई ने लिखा, 'अच्छे दोस्त सितारों की तरह होते हैं, आप उन्हें हमेशा नहीं देखते, लेकिन आप जानते हैं कि वे हमेशा मौजूद रहते हैं. भारतीयों और अफगानों के संबंधों की कहानी. समय देने के लिए प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद. यह इस पुरानी और गहरी दोस्ती का एक और उदाहरण है.'

(पीटीआई-भाषा)

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