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PM मोदी ने जिन 5 कंपनियों के CEO से की मुलाकात, वो भारत के लिए कैसे होंगी मददगार

भारत में निवेश को लेकर पीएम मोदी ने वॉशिंगटन में 5 कंपनियों के सीईओ से मुलाकात की. ये पांचों कंपनियां किस-किस सेक्टर से जुड़ी हैं ? और भारत में निवेश के साथ ये किस सेक्टर के लिए मददगार साबित हो सकती हैं. जानने के लिए पढ़िये पूरी ख़बर

पीएम मोदी मुलाकात
पीएम मोदी मुलाकात

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Published : Sep 24, 2021, 10:13 PM IST

हैदराबाद: पीएम मोदी ने अमेरिका दौरे के दौरान गुरुवार को अमेरिका की 5 प्रमुख कंपनियों के सीईओ से मुलाकात की. पीएम मोदी ने सेमीकंडक्टर और वायरलेस टेक्नोलॉजी निर्माता कंपनी क्वालकॉम (Qualcomm), सॉफ्टवेयर कंपनी एडोब (Adobe), अक्षय ऊर्जा कंपनी फर्स्ट सोलर (First Solar), ड्रोन तकनीक में माहिर जनरल एटॉमिक्स (General Atomics) और निवेश प्रबंधन कंपनी ब्लैकस्टोन (Blackstone) के सीईओ के साथ मुलाकात की.

ये सभी कंपनियां अपने क्षेत्र की नामी कंपनियां है. भारत में निवेश को देखते हुए इन पांचों कंपनियों से मुलाकात को अहम माना जा रहा था. इनमें से कुछ कंपनियों ने पहले से भारत में निवेश किया हुआ है. इन पांच कंपनियों का भारत में निवेश और विकास में कैसे अहम योगदान हो सकता है ? भारत के नजरिये से ये पांच कंपनियां क्यों है अहम ? और पीएम मोदी से मुलाकात के बाद इनके सीईओ ने क्या कहा ?

ब्लैकस्टोन (Blackstone)

ब्लैकस्टोन कंपनी के चेयरमैन और सीईओ स्टीफन श्वार्जमैन (Stephen A Schwarzman ) से पीएम मोदी ने मुलाकात की. श्वार्जमैन 1985 में अस्तित्व में आई इस कंपनी के सह संस्थापक भी हैं. ब्लैकस्टोन दुनिया की जानी-मानी निवेश फर्म है. जो पेंशन फंड्स, बड़े संस्थानों और लोगों की ओर से पूंजी निवेश करती है. कंपनी का बड़ा निवेश रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में भी है. खास बात ये है कि कंपनी ने पहले से ही भारत में निवेश किया हुआ है और आगे भी निवेश की योजना बनाई है.

पीएम मोदी और ब्लैकस्टोन कंपनी के सीईओ की बातचीत के दौरान भारत में चल रही परियोजनाओं और भविष्य के निवेश के अवसरों पर चर्चा हुई. जिसमें भारत सरकार की राष्ट्रीय आधारभूत संरचना पाइपलाइन (National Infrastructure Pipeline) और राष्ट्रीय मौद्रिक पाइपलाइन (National Monetisation Pipeline) भी शामिल है.

बैठक के बाद ब्लैकस्टोन कंपनी के चेयरमैन और सीईओ स्टीफन श्वार्जमैन ने कहा कि बैठक बहुत ही शानदार रही. कंपनी ने 60 बिलियन डॉलर का निवेश किया हुआ है और अगले 5 साल में 40 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी. इस तरह कंपनी का भारत में 100 बिलियन डॉलर का निवेश होगा. सरकार की संरचना पाइपलाइन और मौद्रिक पाइपलाइन योजना की भी तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि संपत्तियों को बेचने और उनमें पुनर्निवेश का फैसला एक अच्छा आइडिया है, इससे भारत का विकास होगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. ब्लैकस्टोन के लिए भारत निवेश के लिहाज से सबसे बेहतर देश साबित हुआ है और भारत दुनिया में सबसे तेजी से तरक्की कर रहा देश है. हमें गर्व है कि हमने भारत में निवेश किया. भारत सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि ये सरकार सुधारों पर काम कर रही है, जिसका फायदा भारत के साथ-साथ निवेशकों को भी मिलेगा क्योंकि सरकार निवेशकों की मददगार सरकार है.

एडोब (Adobe)

आपने एडोब प्रीमियर, एडोब फोटोशॉप पर कभी ना कभी काम किया होगा या इसके बारे में सुना जरूर होगा. ये इसी एडोब कंपनी के उत्पाद हैं. एडोब दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में से एक है. अमेरिका की इस कंपनी की शुरुआत साल 1982 में हुई थी. कंपनी आज ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर से लेकर वेब सॉफ्टवेयर, वीडियो, एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट, ई-लर्निंग और सर्वर सॉफ्टवेयर बनाने के लिए जानी जाती है. भारत में भी कंपनी का कारोबार हैं और नोएड़ा, गुरुग्राम, बेंगलुरू में कंपनी के दफ्तर हैं. 22 हजार से अधिक कर्मचारियों वाली एडोब का साल 2020 में रेवेन्यु 12,806 मिलियन डॉलर था. एडोब अमेरिकी शेयर मार्किट नेस्डेक (Nasdaq) में भी लिस्टेड है.

एडोब के वर्तमान चेयरमैन और सीईओ शांतनु नारायण (Shantanu Narayen, Chairman & CEO, Adobe) ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र से मुलाकात की. इस दौरान भारत में युवाओं को स्मार्ट शिक्षा देने के साथ अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी पर चर्चा हुई. इस दौरान भारत में स्टार्ट-अप सेक्टर पर भी बातचीत हुई.

इस मुलाकात के शानदार बताते हुए शांतनु नारायण ने कहा कि इस दौरान इनोवेशन में लगातार निवेश पर चर्चा हुई. पीएम मोदी मानते हैं कि तकनीक किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने में मददगार साबित होती है. इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्रिएटिविटी, मीडिया जैसे सेक्टर में तकनीक के मामले में आए बदलाव और स्टार्ट-अप के महत्व पर चर्चा हुई. साथ ही कंपनी भारत में और क्या कुछ कर सकती है इसपर चर्चा हुई. शांतनु नारायण ने भारत सरकार की नई शिक्षा नीति में रुचि दिखाई है. उन्होंने कहा कि हमारे लिए भारत घर की तरह है जहां निवेश करना बेहतरीन रहा है. भारत में स्टार्ट-अप सेक्टर की तारीफ करते हुए कहा कि भारत के स्टार्ट-अप सरहदें तोड़ रहे हैं और सरकार उन्हें उत्साहित कर रही है. हम भारत में भारी निवेश जारी रखने का इरादा रखते हैं.

जनरल एटॉमिक्स (General Atomics)

जनरल एटॉमिक्स अमेरिका की ऊर्जा और डिफेंस कॉरपोरेशन है. कंपनी रिमोट से संचालित होने वाले निगरानी विमानों के लिए अनुसंधान और निर्माण सेवाएं भी प्रदान करती है. भारत की नई ड्रोन नीति के मद्देनजर जनरल एटॉमिक्स के सीईओ विवेक लाल से मुलाकात बहुत अहम मानी जा रही है. सैन्य ड्रोन तकनीक में अग्रणी जनरल एटॉमिक्स की शुरुआत साल 1955 में हुई.

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद विवेक लाल ने कहा कि इस मुलाकात में तकनीक के विस्तार, इस क्षेत्र की नितियों और भारत में निवेश की क्षमताओं पर बात हुई. भारत सरकार की नई ड्रोन पॉलिसी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि इस नीति से निवेश के मौके बढ़ेंगे. साथ ही मेक इन इंडिया के जरिये ड्रोन की तकनीक विकसित करने और इस क्षेत्र में भारत की क्षमता बढ़ाने के लिए भी एक बेहतरीन मौका है. पीएलआई स्कीम जैसे फैसलों से भी भारत में निवेश को मजबूती मिलेगी. मोदी सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि बीते कुछ सालों में भारत निवेशकों के लिए बेहतर देश बना है और सरकार की नीतियां और उनमें सुधार भी इसकी वजह है.

क्वालकॉम (Qualcomm)

ये अमेरिकी कंपनी सेमीकंडक्टर चिप और सॉफ्टवेयर बनाती है. वायलेस टेक्नॉलजी से लेकर 3जी और 4जी तकनीक के क्षेत्र में भी जाना-माना नाम है. 1985 में शुरू हुई कंपनी के आज दुनिया के कई देशों के साथ भारत में भी कई शहरों में कार्यालय है. 41,000 से अधिक कर्मचारियों वाली इस कंपनी का बीते वित्त वर्ष में रेवेन्यु 23 बिलियन डॉलर से अधिक था. मौजूदा दौर में दुनिया में सेमीकंडक्टर की कमी, सेमीकंडक्टर सेक्टर में चीन के दबदबे और भारत में 5जी के भविष्य को देखते हुए कंपनी के सीईओ के साथ पीएम मोदी की मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है.

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद क्वालकॉम के सीईओ क्रिस्टियानो अमोन (cristiano amon) ने बताया कि भारत के साथ हमारा रिश्ता 26 साल से है. हमने भारत में क्वालकॉम के निवेश से लेकर भविष्य की तकनीक और नए स्टार्टअप पर बात की. 5 जी से लेकर भारत में सॉफ्टवेयर, तकनीक के विकास के अलावा सेमीकंडक्टर चिप को लेकर भी बातचीत हुई. हम भारत में रिसर्च एंड डेवलपमेंट में लगातार निवेश कर रहे हैं. मौजूदा वक्त में सेमीकंडक्टर चिप की दुनियाभर में कमी है और भारत में आधारभूत ढांचा मिले तो सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अहम कड़ी साबित हो सकती है. भारत निवेश की दृष्टि से बेहतरीन देश है, हमने 77 स्टार्टअप कंपनियों में निवेश के साथ कई दूसरी कंपनियों में सफलतापूर्वक निवेश किया है. उन्होंने आर्थिक विकास से लेकर निवेशकों के लिए भारत को बेहतर बनाने के लिए मोदी सरकार की तारीफ की.

फर्स्ट सोलर (First Solar)

ये सौर ऊर्जा के क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों में शुमार है जो सोलर पैनल का निर्माण करती है. इसके अलावा कंपनी सोलर प्लांट बनाने से लेकर उसके लिए सहायक सेवाएं जैसे वित्त, निर्माण, रख-रखाव भी प्रदान करती है. भारत में सोलर एनर्जी की तरफ बढ़ते कदमों को देखते हुए कंपनी के सीईओ से पीएम मोदी की मुलाकात बहुत अहम माना जा रहा है. ये कंपनी भारत में पहले भी निवेश कर चुकी है. सोलर पैनल निर्माण से लेकर अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र से जुड़ी तकनीक के क्षेत्र में भी कंपनी अहम भूमिका निभा सकती है. 1999 में अस्तित्व में आई ये कंपनी आज अमेरिकी शेयर बाजार नैस्डेक में लिस्टेड है और इसमें 6,000 से अधिक कर्मचारी हैं.

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद फर्स्ट सोलर के सीईओ मार्क विडमर (Mark Widmar) ने कहा कि मोदी सरकार ने कंपनियों के लिए निवेश का बेहतरीन वातावरण तैयार किया है. अक्षय ऊर्जा (renewable energy), जलवायु परिवर्तन और उत्पादन जैसे क्षेत्रों में भारत में निवेश के बेहतरीन मौके हैं. भविष्य को देखते हुए भारत सरकार की नीतियां इस क्षेत्र में और भी विकास लाएंगी. भारत की अंतरराष्ट्रीय सौर सहयोग (international solar alliance) जैसी पहल भी फर्स्ट सोलर जैसी कंपनियों के लिए निवेश का मौका है. ऊर्जा क्षेत्र में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

निवेश और विकास

जिन पांच कंपनियों के सीईओ से पीएम मोदी ने मुलाकात की है वो सभी अपने क्षेत्र में जाना-माना नाम रखती है. भारत में इन कंपनियों के निवेश से रोजगार ही नहीं बल्कि उन क्षेत्रों में विकास की भी राह खुलेगी जो भविष्य में भारत को नई ऊंचाईयों पर पहुंचा सकती है. मसलन 5जी तकनीक से लेकर सेमीकंडक्टर और सौर ऊर्जा से लेकर ड्रोन तकनीक तक में भारत नई नीतियों के साथ भविष्य की राह तलाश रहा है. ऐसे में इन क्षेत्रों को अगर एक्सपर्ट कंपनियों का निवेश और तकनीकी साथ मिले तो भारत में रोजगार के अवसर तो पैदा होंगे ही साथ में निवेश के और मौके और नए अनुसंधान और तकनीक से जुड़ने का मौका भी मिलेगा.

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