नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों में कोरोना संबंधित स्थिति पर चर्चा करने के लिए तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, महाराष्ट्र, केरल के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की.
छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना की ताजा स्थिति पर संवाद के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थितियां नहीं सुधरीं तो 'मुश्किल' हो सकती है. उन्होंने तीसरी लहर की आशंका को रोकने के लिए राज्यों को सक्रियता से कदम उठाने के लिए कहा.
इस बैठक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येद्दियुरप्पा, ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले हफ्ते नये मामले जिन राज्यों में आए हैं उनमें से 80 प्रतिशत के करीब मामले इन्हीं छह राज्यों से हैं और 84 प्रतिशत दुखद मौतें भी इन्हीं राज्यों में हुई हैं.
उन्होंने कहा कि देश आज ऐसे मुहाने पर खड़ा है जहां तीसरी लहर की आशंका लगातार जताई जा रही है.
उन्होंने कहा कि देश के अधिकतर राज्यों में जिस तरह मामले कम हुए थे उससे कुछ राहत महसूस हो रही थी और विशेषज्ञ इसे देखकर उम्मीद कर रहे थे कि जल्द ही देश दूसरी लहर से पूरी तरह बाहर आ जाएगा.
विशेषज्ञों का हवाला देते हुए मोदी ने कहा, 'लंबे समय तक लगातार मामले बढ़ने से कोरोना के वायरस में ‘म्यूटेशन’ की आशंका बढ़ जाती है और उसके स्वरूप बदलने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए, तीसरी लहर को रोकने के लिए कोरोना के खिलाफ प्रभावी कदम उठाया जाना नितांत आवश्यक है.'
उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, उन्हें सक्रियता से काम काम करने की आवश्यकता है और इसके जरिए तीसरी लहर की किसी भी आशंका को रोकना होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि शुरुआत में विशेषज्ञ यह मान रहे थे कि जहां से दूसरी लहर की शुरुआत हुई थी, वहां स्थिति पहले नियंत्रण में होगी.
उन्होंने कहा, लेकिन महाराष्ट्र और केरल में मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है. यह वाकई हम सबके लिए, देश के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है. आप सब इससे परिचित हैं कि ऐसे ही ट्रेंड हमें दूसरी लहर के पहले जनवरी-फरवरी में भी देखने को मिले थे. इसलिए यह आशंका स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है कि अगर स्थिति नियंत्रण में नहीं आई तो मुश्किल हो सकती है.
उन्होंने कहा कि बहुत जरूरी है कि जिन राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं, उन्हें सक्रियता से कदम उठाने होंगे और तीसरी लहर की किसी भी आशंका को रोकना होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन जिलों में या फिर इलाकों में संक्रमण ज्यादा है, वहां टीका भी एक रणनीतिक औजार है.
उन्होंने कहा, टीकों के प्रभावी इस्तेमाल से कोरोना की वजह से उत्पन्न परेशानियों को कम किया जा सकता है. ज्यादा से ज्यादा आरटी-पीसीआर टेस्टिंग वायरस को रोकने में काफी प्रभावी हो सकते हैं.