नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुख्यमंत्रियों, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों और प्रशासकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोरोना महामारी की ताजा स्थिति की समीक्षा की. इसके बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पिछले दो हफ्तों में कुछ राज्यों में जिस प्रकार से कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़े हैं, उससे स्पष्ट है कि कोरोना की चुनौती अभी पूरी तरह टली नहीं है, लिहाजा देशवासियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन और उसके सब वैरिएंट्स किस तरह गंभीर परिस्थिति पैदा कर सकते हैं, यह यूरोप के देशों में हम देख सकते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में कुछ देशों में कोरोना के विभिन्न स्वरूपों की वजह से कुछ लहरें भी आईं, लेकिन भारत ने कई देशों की तुलना में हालात पर काफी बेहतर नियंत्रण रखा है. उन्होंने कहा कि इन सब के बावजूद पिछले दो हफ्ते से जिस तरह से कुछ राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं, उससे हमें सतर्क रहना है. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण ने बहुत अहम भूमिका निभाई है.
'आर्थिक निर्णयों में केंद्र व राज्यों के बीच सामंजस्य अनिवार्य'
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध सहित कुछ अन्य वैश्विक परिस्थितियों के मद्देनजर बढ़ती चुनौतियों का हवाला देते हुए आर्थिक निर्णयों में केंद्र व राज्य सरकारों के बीच अधिक तालमेल और सामंजस्य की आवश्यकता जताई. साथ ही महंगाई से जनता को राहत देने के लिए विपक्ष शासित राज्यों से पेट्रोल-डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में कटौती करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि आज की वैश्विक परिस्थितियों में भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए आर्थिक निर्णयों में केंद्र और राज्य सरकारों का तालमेल और सामंजस्य पहले से अधिक आवश्यक है. उन्होंने कहा कि जो युद्ध की परिस्थिति पैदा हुई है, उससे आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है और ऐसे माहौल में दिनों-दिन चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं. पीएम मोदी ने कहा कि ये वैश्विक संकट अनेक चुनौतियां लेकर आ रहा है. ऐसे में केंद्र और राज्य के बीच तालमेल को और बढ़ाना अनिवार्य हो गया है.