नई दिल्ली : पंजाब में विधानसभा चुनाव से दो दिन पहले यह मुलाकात हुई है. भारतीय जनता पार्टी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस तथा अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा धड़े के साथ गठबंधन करने के साथ ही सिख समुदाय को लुभाने में जी जान से जुटी है. दिल्ली गुरुद्वारा समिति के प्रमुख हरमीत सिंह कालका, यमुनानगर सेवापंथी के अध्यक्ष महंत करमजीत सिंह और सिख फोरम के अध्यक्ष रविंद्र सिंह आहूजा ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात सौहार्दपूर्ण रही.
प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद उन लोगों ने समुदाय के लिए उनके काम की सराहना की. करमजीत सिंह ने मोदी के हवाले से कहा कि "सिखी" (सिखों से जुड़े गुण)और सेवा उनके खून में है और यह हमारे दिलों को छू गया. सिंह ने समुदाय के लिए लंगरों पर 'जीएसटी' हटाने सहित सरकार की विभिन्न पहलों की सराहना की. कालका ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) का उल्लेख किया और प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की.
इससे पहले शुक्रवार को भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में कहा कि वह हर दिन समुदाय के लिए काम करना चाहते हैं और उन्होंने अफसोस जताया कि पिछली कांग्रेस सरकारों ने करतारपुर साहिब जैसे सिखों के पवित्र स्थलों को भारतीय क्षेत्र में लाने के मौके गंवा दिए.
सिरसा ने एक संवाददाता सम्मेलन में मोदी के हवाले से कहा कि यदि प्रयास किए जाते तो पाकिस्तान के साथ 1965 और 1971 के युद्धों के बाद वह क्षेत्र भारत को मिल सकता था. मोदी अक्सर कांग्रेस की आलोचना करते रहे हैं कि 1947 में भारत के विभाजन के समय करतारपुर साहिब पाकिस्तान में नहीं जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस ने कोई कदम नहीं उठाया.