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वाराणसी में 'नमो घाट' तैयार, पीएम मोदी जल्द कर सकते हैं उद्घाटन

धर्म नगरी वाराणसी को बहुत जल्द 85वां घाट मिलेगा. गंगा किनारे 'नमो घाट' बनकर तैयार है. प्राचीनता को संजोए हुए, आधुनिकता के साथ तालमेल कर चलती काशी के करीब 84 घाटों की श्रंखला में यह नया घाट लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

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वाराणसी में नमो घाट

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Published : Apr 26, 2022, 4:47 PM IST

वाराणसी :प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में, देश दुनिया के पर्यटकों और श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करने वाले गंगा नदी के घाटों में अब एक और नया घाट शामिल हो जाएगा. इस नए घाट का नाम 'खिड़किया घाट' है लेकिन इसे 'नमो घाट' भी कहा जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही इस घाट का उद्घाटन कर सकते हैं. घाट पर तीन जोड़ी हाथ की अभिवादन करती आकृतियां बनाई गई हैं. सूर्य का अभिवादन और गंगा को प्रणाम करते हाथों के इन तीनों शिल्पों की वजह से इस घाट को लोग 'नमो' घाट कहते हैं.

खिड़किया घाट के प्रथम चरण का काम पूरा होने वाला है. इस पर करीब 34 करोड़ रुपये की लागत आई है. इस घाट से जल मार्ग और वायु मार्ग को भी जोड़ा जाएगा ताकि पर्यटक अन्य शहरों तक जा सकें. धर्मनगरी वाराणसी में प्राचीनता को संजोए हुए, आधुनिकता के साथ तालमेल कर चलती काशी के करीब 84 घाटों की श्रंखला में यह नया घाट लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

घाट पर दिखेगा 'वोकल फॉर लोकल':वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी. वासुदेवन ने बताया कि करीब 21000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बन रहे इस घाट की लागत लगभग 34 करोड़ रुपये है. उन्होंने बताया कि यह लगभग आधा किलोमीटर लंबा है और इसका पहला चरण बनकर तैयार हो गया है. उन्होंने बताया, 'इसके निर्माण में 'मेक इन इंडिया' पर विशेष ध्यान दिया गया है. इस घाट पर 'वोकल फॉर लोकल' भी दिखेगा. श्रद्धालु बनारस की सुबह देखने के बाद यहां शाम को गंगा आरती में शामिल हो सकेंगे.'

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यहां ओपन थियेटर, लाइब्रेरी, बनारसी खान-पान के लिए फूड कोर्ट की व्यवस्था है. यहां एक बहुउद्देशीय प्लेटफार्म भी होगा, जहां हेलीकॉप्टर उतरने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हो सकता है. वासुदेवन ने बताया, 'यहां श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम सुगम दर्शन का टिकट ले सकते हैं. जेटी से बोट द्वारा वे श्री काशी विश्वनाथ धाम जा सकेंगे.' इंजीनियर इंडिया लिमिटेड के प्रबंधक दुर्गेश ने बताया कि घाट के निर्माण में जिस सामग्री का इस्तेमाल किया गया है उससे बाढ़ में घाट सुरक्षित रहेगा. उन्होंने कहा कि देखने में खिड़किया घाट पुराने घाटों की तरह है, यहां तक गाड़ियां जा सकती हैं और घाट पर ही वाहन के लिए पार्किंग की व्यवस्था है.

(पीटीआई-भाषा)

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