नई दिल्ली : विदेश यात्राओं के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम अमूमन व्यस्त रहता है और इसे देखते हुए अक्सर उनके प्रशंसकों में यह जिज्ञासा होती है कि इसके लिए प्रधानमंत्री इतनी ऊर्जा कहां से लाते हैं.
आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री अपना कार्यक्रम इतना व्यस्त रखते हैं कि थकान उन्हें महसूस भी तो वह हावी ना हो सके. प्रधानमंत्री का चार दिवसीय अमेरिका दौरा भी ऐसा ही रहा. वह रविवार को स्वदेश लौटे. सूत्रों ने कहा कि बिना थके लंबी यात्राएं करना उनके लिए कोई नया है.
एक सूत्र ने कहा, 'जब वह 1990 के दशक में अमेरिका जाया करते थे, उस वक्त एक एयरलाइन भारी छूट के साथ मासिक यात्रा का पास देती थी. इसका अधिक से अधिक उपयोग करते हुए मोदी हमेशा रात को यात्रा करते थे ताकि होटलों पर ज्यादा खर्च न करते हुए वह अधिक से अधिक स्थानों का दौरा कर सकें. उनकी रात अक्सर यात्रा में या हवाई अड्डे पर बीतती थी.'
सूत्र ने बताया कि जैसे ही प्रधानमंत्री विमान पर सवार होते हैं, वह जिस देश का भ्रमण कर रहे होते हैं उसके समयानुसार खुद को ढालने के लिए सोने के समय का चयन करते हैं. उन्होंने बताया कि इसका मतलब यह हुआ कि जब वह विमान पर सवार हुए उस समय यदि भारत में रात है और उन्हें जहां जाना है वहां दिन है तो वह नहीं भी सो सकते हैं.