दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

पीएम मोदी का 14 को अलीगढ़ दौरा, यूनिवर्सिटी और डिफेंस कॉरिडोर का करेंगे शिलान्यास - राजा महेंद्र प्रताप

राजा महेंद्र प्रताप ने दिसंबर 1914 में अलीगढ़ में अपना घर और परिवार छोड़ दिया और जर्मनी चले गए और लगभग 33 वर्षों तक निर्वासन में रहे क्योंकि ब्रिटिश प्राधिकारियों द्वारा उनकी तलाश थी. भारत को आजादी मिलने के बाद ही वह 1947 में भारत लौटे.

पीएम मोदी का अलीगढ़ दौरा
पीएम मोदी का अलीगढ़ दौरा

By

Published : Sep 9, 2021, 9:24 AM IST

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Aadityanath) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 14 सितंबर को प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी राजा महेंद्र प्रताप (Fredom Fighter Raja Mahendra Pratap) के नाम पर एक राज्य विश्वविद्यालय और डिफेंस कॉरिडोर(Defence Corridor) के अलीगढ़ 'नोड' का शिलान्यास करेंगे.

मुख्यमंत्री ने यहां जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों की समीक्षा करते हुये कहा कि अलीगढ़ में निर्माणधीन स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी व शिक्षाविद राजा महेन्‍द्र प्रताप राज्‍य विश्‍वविद्यालय अलीगढ़ मंडल के लिए विकास की धुरी साबित होगा. उन्होंने बताया कि विश्‍वविद्यालय से एटा, हाथरस, कासगंज और अलीगढ़ के 400 से अधिक डिग्री कॉलेज सम्‍बद्ध होंगे.

उन्होंने कहा कि यह विश्‍वविद्यालय यहां के युवाओं के लिए आधुनिक शिक्षा व रोजगार का केन्‍द्र बनेगा. उन्‍होंने कहा पीएम मोदी 14 सितंबर को विश्‍वविद्यालय का शिलान्‍यास करेंगे, यह अलीगढ़ मंडल के लिए बड़ा तोहफा होगा. मुख्यमंत्री के साथ मौजूद उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि रक्षा गलियारे के अलीगढ़ 'नोड' की आधारशिला भी प्रधानमंत्री द्वारा रखी जाएगी.

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि अलीगढ़ 'नोड' में डिफेंस कॉरिडोर के लिए 200 एकड़ जमीन आरक्षित की गई है, यहां 19 निवेशक 1500 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे जिससे यहां के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिलेंगे. उन्होंने कहा कि अभी तक अलीगढ़ के ताले देश-विदेश में मशहूर हैं, डिफेंस कॉरिडोर जिले को एक और नई पहचान देगा. इस दौरान मुख्‍यमंत्री ने डिफेंस कॉरिडोर व राजा महेन्‍द्र प्रताप राज्‍य विश्‍वविद्यालय स्‍थल का निरीक्षण भी किया.

राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के अनुसार राजा महेन्द्र प्रताप का जन्म एक दिसम्बर 1886 को एक जाट परिवार में हुआ था जो मुरसान रियासत के शासक थे. यह रियासत वर्तमान उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में थी. वे राजा घनश्याम सिंह के तृतीय पुत्र थे, जब वे तीन साल के थे तब हाथरस के राजा हरनारायण सिंह ने उन्हें पुत्र के रूप में गोद ले लिया.

बयान के अनुसार राजा महेंद्र प्रताप ने दिसंबर 1914 में अलीगढ़ में अपना घर और परिवार छोड़ दिया और जर्मनी चले गए और लगभग 33 वर्षों तक निर्वासन में रहे क्योंकि ब्रिटिश प्राधिकारियों द्वारा उनकी तलाश थी. भारत को आजादी मिलने के बाद ही वह 1947 में भारत लौटे. वे 1957 में मथुरा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा के लिए चुने गए. प्रताप का परिवार इस क्षेत्र के प्रमुख जाट शाही परिवारों में से एक था.

पढ़ें: आज ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे पीएम मोदी

विश्वविद्यालय का शिलान्यास कार्यक्रम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ जाट समुदाय के कई सदस्य इसी क्षेत्र के हैं .

ABOUT THE AUTHOR

...view details