वाराणसी:उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से 'पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना' की शुरुआत की. मोदी ने वाराणसी के मेहंदीगंज में एक जनसभा के दौरान इस मिशन का शुभारंभ किया. इसके अलावा उन्होंने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए 5,189 करोड़ रुपये से अधिक की 20 विभिन्न विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया.
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश के स्वास्थ्य सेवा तंत्र को ताकत देने और भविष्य में महामारियों से बचाव के लिए हमारी तैयारी उच्च स्तर की हो, गांव और ब्लॉक स्तर तक हमारे हेल्थ सिस्टम में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता आए, इसके लिए आज काशी से मुझे 64000 करोड़ रुपए के आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन राष्ट्र को समर्पित करने का सौभाग्य मिला. भविष्य में किसी भी महामारी से निपटने के लिए हम तैयार हों, इसके लिए अपनी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को आज तैयार किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि आज काशी के मूलभूत ढांचे से जुड़ी करीब 5000 करोड़ रुपये रुपये की परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया गया है. इसमें सड़कों से लेकर घाटों की सुंदरता तक, गंगा और वरुणा की साफ सफाई, पुलों, पार्किंग स्थलों, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में अनेक सुविधाओं से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं. उन्होंने कहा कि त्योहारों के इस मौसम में जीवन को सुगम, स्वस्थ और समृद्ध बनाने के लिए काशी में हो रहा यह विकास पर्व एक प्रकार से पूरे देश को नई ऊर्जा, नई शक्ति और नया विश्वास देने वाला है.
मोदी ने कहा कि हमारे यहां हर कर्म का मूल आधार आरोग्य को माना गया है, लेकिन आजादी के बाद के लंबे कालखंड में आरोग्य और स्वास्थ्य सुविधाओं पर उतना ध्यान नहीं दिया गया, जितनी देश को जरूरत थी. देश में जिनकी लंबे समय तक सरकारें रहीं, उन्होंने देश के हेल्थ केयर सिस्टम के संपूर्ण विकास के बजाय उसे सुविधाओं से वंचित रखा. गांव में या तो अस्पताल नहीं थे, अस्पताल थे तो इलाज करने वाला नहीं था. हमारे हेल्थ केयर सिस्टम में व्याप्त कमियों ने गरीबों और मध्यम वर्ग में इलाज को लेकर हमेशा बनी रहने वाली चिंता पैदा की. आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन देश के हेल्थ केयर सिस्टम में इसी कमी को दूर करने का एक समाधान है.
उन्होंने कहा कि इस मिशन के तहत लक्ष्य यह है कि आने वाले चार-पांच सालों में देश के गांव से लेकर ब्लॉक, जिला, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर तक क्रिटिकल हेल्थ केयर नेटवर्क को सशक्त किया जाए. खास तौर पर पहाड़ी और पूर्वोत्तर के राज्यों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है जहां स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है.
पीएम मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तीन बड़े पहलू हैं. पहला, बीमारी का पता लगाने और उसके इलाज के लिए विस्तृत सुविधाओं के निर्माण से जुड़ा है. इसके तहत गांवों और शहरों में 'हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर' खोले जा रहे हैं, जहां बीमारियों की शुरुआत में ही पता लगाने की सुविधा होगी. दूसरा पहलू, रोगों की जांच के लिए टेस्टिंग नेटवर्क से जुड़ा हुआ है. तीसरा पहलू देश में मौजूद लैब्स को और बेहतर बनाने से जुड़ा है. महामारियों के दौरान जांच के लिए बायोसेफ्टी लेवल—तीन की लैब चाहिए. ऐसी 15 नई लैब को क्रियाशील किया जाएगा. आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के माध्यम से देश के कोने-कोने में इलाज से लेकर क्रिटिकल रिसर्च तक एक पूरा इकोसिस्टम विकसित किया जा रहा है.
पढ़ें :यूपी में 9 मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन, पीएम बोले- उत्तर भारत का मेडिकल हब बनेगा पूर्वांचल
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब ऐसा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर बनता है तो उससे रोजगार का भी एक पूरा वातावरण विकसित होता है. डॉक्टर, पैरामेडिक्स, लैब, फार्मेसी, साफ-सफाई, कार्यालय, ट्रैवल ट्रांसपोर्ट जैसे अनेक प्रकार के रोजगार उत्पन्न होंगे. हम से पहले वर्षों तक जो सरकार में रहे, उनके लिए स्वास्थ्य सेवा पैसा कमाने और घोटालों का जरिया रही है. गरीबों की परेशानी देखकर भी वे से दूर भागते रहे हैं. आज केंद्र और राज्य में वह सरकार है जो दलित गरीब शोषित वंचित पिछड़े मध्यम वर्ग सभी का दर्द समझती है.