नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (National Logistics Policy) का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह नीति परिवहन क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान देने वाली, अंतिम छोर तक डिलिवरी की गति बढ़ाने और कारोबारों के लिए धन की बचत करने वाली है. बता दें, इस नीति से कारोबारों की लॉजिस्टिक लागत मौजूदा 13-14 फीसदी से घटकर एकल अंक में आने का अनुमान है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारतीय बंदरगाहों की कुल क्षमता में काफी वृद्धि हुई है और पोतों का औसत 'टर्न-अराउंड टाइम' 44 घंटे से घटकर अब 26 घंटे पर आ गया है. उन्होंने कहा कि बंदरगाहों और समर्पित माल गलियारों को जोड़ने वाली सागरमाला परियोजना ने लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी तथा अवसंरचना विकास के व्यवस्थित कार्यों में सुधार लाना शुरू कर दिया है.
पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आज सुबह चीते छोड़ने और शाम में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का उद्घाटन करने में मेल स्थापित करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सुबह चीता छोड़ना और शाम को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का उद्घाटन कोई मेल तो है, हम भी चाहते है लगेज एक जगह से दूसरी जगह चीता की गति से जाए.
मोदी ने कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और यह विनिर्माण के केंद्र के तौर पर उभर रहा है. उन्होंने कहा कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) को विश्व ने स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक क्षेत्र को मजबूती देने के लिए सरकार प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही है और सीमाशुल्क में बिना अधिकारी के सामने जाए आकलन की व्यवस्था शुरू कर दी गई है. वहीं ई-वे बिल तथा फास्टटैग भी लॉजिस्टिक क्षेत्र में प्रभावशीलता बढ़ा रहे है.