नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में मेगा फूड इवेंट 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2023' के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया. इस मौके पर एक लाख से अधिक एसएचजी सदस्यों को 380 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी सहायता के वितरण की प्रक्रिया शुरू की. कार्यक्रम का उद्घाटन प्रगति मैदान के भारत मंडपम में किया गया. स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री एक लाख से अधिक एसएचजी ( SHG) सदस्यों के लिए प्रारंभिक पूंजी सहायता वितरित किए. तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन 5 नवंबर को होगा.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र एक उभरते हुए उद्योग के रूप में उभरा है. पिछले नौ वर्षों में इसने 50,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया है. पिछले नौ वर्षों में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपये का एफडीआई आया है. यह सरकार की उद्योग-समर्थक और किसान-समर्थक नीतियों का परिणाम है.'
उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में प्रसंस्कृत खाद्य का निर्यात 150 प्रतिशत बढ़ा है. घरेलू प्रसंस्करण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. प्रधान मंत्री ने एक लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को प्रारंभिक पूंजी सहायता वितरित की और 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2023' के हिस्से के रूप में एक 'फूड स्ट्रीट' का उद्घाटन किया.
इस मौके पर केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस ने विदेशी निवेशकों से इस क्षेत्र में भारत में निवेश करने का आग्रह किया. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मोदी सरकार ने देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को भी बढ़ावा दिया है. उन्होंने पिछले नौ वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा किये गये विकास कार्यों पर प्रकाश डाला. 'फूड स्ट्रीट' में क्षेत्रीय व्यंजन और शाही पाक विरासत शामिल है, जिसमें 200 से अधिक शेफ भाग लेंगे और पारंपरिक भारतीय व्यंजन पेश करेंगे.