कोच्चि: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में प्रमुख रणनीतिक पहलों सहित 4,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और कहा कि इनसे देश के दक्षिणी क्षेत्र के विकास को गति देने में मदद मिलेगी. परियोजनाओं में 310 मीटर लंबा 'ड्राई डॉक' और अंतर्राष्ट्रीय जहाज मरम्मत सुविधा (आईएसआरएफ) शामिल हैं. ड्राई डॉक का निर्माण अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार किया गया है जबकि आईएसआरएफ भारत का पहला पूरी तरह से विकसित शुद्ध जहाज मरम्मत पारिस्थितिकी तंत्र है. इसके अतिरिक्त, उन्होंने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एलपीजी आयात टर्मिनल का उद्घाटन भी किया.
परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित भी किया. इसमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन, केंद्रीय बंदरगाह, शिपिंग और जलमार्ग और आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने भाग लिया. मोदी ने अपने भाषण में कहा, 'आज जब भारत वैश्विक व्यापार का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है, हम देश की समुद्री ताकत बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.'
उन्होंने यह भी कहा कि बंदरगाहों, जहाजरानी और अंतर्देशीय जलमार्गों के क्षेत्रों में 'व्यवसाय की सुगमता' को बढ़ाने के लिए पिछले 10 वर्षों में कई सुधार किए गए हैं. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार भारत को एक बड़ी समुद्री शक्ति बनाने के लिए काम कर रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए केंद्र सरकार सागरमाला परियोजना जैसी पहल के माध्यम से कोच्चि जैसे बंदरगाह शहरों में बुनियादी ढांचे, क्षमता, दक्षता और संपर्क में सुधार के लिए काम कर रही है.
उन्होंने कहा, 'आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है, उनसे देश के दक्षिणी क्षेत्र की प्रगति और विकास को गति मिलेगी.' प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के हस्तक्षेप और सुधारों से बंदरगाहों में भारी निवेश आया है और अधिक रोजगार भी पैदा हुए हैं. उन्होंने कहा कि अतीत में भारत मजबूत बंदरगाहों और बंदरगाह शहरों द्वारा संचालित महत्वपूर्ण वैश्विक जीडीपी योगदान के साथ फलता-फूलता रहा है.