अहमदाबाद/राजकोट :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विपक्षी दल गुस्से में हैं क्योंकि उन्हें देश के आम लोगों के सपने पूरे होते दिख रहे हैं. मोदी ने राजकोट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद कहा कि उनकी सरकार ने महंगाई को नियंत्रण में रखने के लिए कड़ी मेहनत की है. पीएम मोदी ने कहा, "जो लोग देश के लोगों को (विकास के लिए) प्यासा रखते थे, जिन्हें लोगों की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं की कोई चिंता नहीं थी, वे क्रोधित हैं क्योंकि वे देख सकते हैं कि देश के लोगों के सपने पूरे हो रहे हैं." मोदी ने 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस' (इंडिया) बनाने वाले विपक्षी दलों के स्पष्ट संदर्भ में कहा, "आज इन भ्रष्ट और वंशवादी लोगों ने अपनी जमात का नाम बदल दिया है; चेहरे पुराने हैं, लेकिन व्यवहार वही है और लक्ष्य भी वही है." उन्होंने कहा, "हम सुशासन की गारंटी के साथ सत्ता में आए थे और पिछले नौ वर्षों में हमने ऐसा करके दिखाया है."
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को गुजरात में राजकोट शहर के निकट एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया. आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, यह राज्य का पहला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा है और इसे 1,405 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. इसमें कहा गया कि राजकोट से लगभग 30 किलोमीटर दूर हीरासर गांव में स्थित हवाई अड्डा परिसर 1,025.50 हेक्टेयर (2,534 एकड़) क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें से भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण ने 1,500 एकड़ क्षेत्र में हवाई अड्डे का निर्माण किया है. विज्ञप्ति के अनुसार, इसमें 3,040 मीटर (3.04 किलोमीटर) लंबा और 45 मीटर चौड़ा रनवे है जहां 14 विमान खड़े किए जा सकते हैं. मोदी ने अक्टूबर 2017 में राजकोट शहर के निकट हीरासर गांव में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शिलान्यास किया था. प्रधानमंत्री ने गुरुवार को हवाई अड्डे का उद्घाटन करने के बाद अधिकारियों से हवाई अड्डे के तकनीकी पहलुओं के बारे में जाना.
सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई (एसएयूएनआई) योजना के आठवें और नौवें चरण का काम हाल में पूरा हुआ है तथा प्रधानमंत्री इसे जनता को समर्पित करेंगे. आपको बता दें कि सीएम भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात की सरकार ने SAUNI यानी सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण इरीगेशन योजना के अंतर्गत लिंक-3 के पैकेज 8 और पैकेज 9 का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है. आज प्रधानमंत्री नमोदी इसी प्रोजेक्ट को सौराष्ट्र की जनता को समर्पित करेंगे. इस योजना से 95 गांवों में 52,398 एकड़ सिंचित भूमि को पानी और सौराष्ट्र क्षेत्र के लगभग 98,000 लोगों को पीने योग्य पानी उपलब्ध कराया जाएगा.