नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को कहा कि जीवन में एक बार आने वाली कोविड-19 जैसी महामारी ने स्वास्थ्य क्षेत्र की महत्ता को फिर से स्थापित किया है और आने वाला समय उसी का होगा, जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश करेगा. वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से तमिलनाडु में 11 नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों और चेन्नई में केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान (सीआईसीटी) के नए परिसर का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के कई कदम उठाए हैं और वह आने वाल समय में भारत को गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवाओं के केंद्र के रूप में देखते हैं.
उन्होंने कहा, 'जीवन में एक बार आने वाली कोविड-19 जैसी महामारी ने स्वास्थ्य क्षेत्र की महत्ता को पुन: स्थापित किया है. भविष्य उसी का होगा जो समाज स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश करेगा. भारत सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में कई सुधार किए हैं.' उन्होंने कहा, महामारी से सीख लेते हुए हम अपने नागरिकों के लिए समावेशी और गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं.
कोविड-19 रोधी टीकों का दायरा 15 से 18 वर्ष के किशोरों और साठ साल से अधिक उम्र के लोगों और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए एहतियाती खुराक दिए जाने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का टीकाकरण अभियान भी शानदार तरीके से आगे बढ़ रहा है. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार सुधार कर रही है.
उन्होंने कहा, 'वर्ष 2014 में देश में जहां सात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञन संस्थान (एम्स) स्तर के संस्थान थे, वहीं आज देश में इनकी संख्या बढ़कर 22 हो गई है. इसके साथ ही चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र को पारदर्शितर के लिए भी सुधार के कई कदम उठाए गए हैं.' उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में जहां सिर्फ 387 मेडिकल कॉलेज थे वहीं पिछले सात सालों में इनकी संख्या बढ़कर 596 हो गई है.