गांधीनगर:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि दुनिया आज भारत को स्थिरता के एक 'महत्वपूर्ण स्तंभ' के रूप में देख रही है और वह एक ऐसे मित्र के रूप में उभरा है, जिसपर भरोसा किया जा सकता है. 'वाइब्रेंट गुजरात' वैश्विक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसे समय में जब विश्व अनेक अनिश्चितताओं से घिरा हुआ है, तब भारत दुनिया में विश्वास की एक ‘नयी किरण’ बनकर उभरा है.
उन्होंने कहा, 'दुनिया भारत को स्थिरता के एक महत्वपूर्ण स्तंभ और वैश्विक अर्थव्यवस्था में वृद्धि के इंजन के रूप में देखती है. भारत एक ऐसा मित्र है, जिस पर भरोसा किया जा सकता है, एक ऐसा साझेदार है, जो जन-केंद्रित विकास में विश्वास करता है और एक ऐसी आवाज है, जो वैश्विक भलाई में विश्वास करता है और वह ग्लोबल साउथ की भी एक आवाज है.' उन्होंने कहा कि 10 साल पहले भारत दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में 11वें स्थान पर था, जबकि आज वह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया की हर प्रमुख रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो जाएगा. उन्होंने कहा, 'आज तेजी से बदलते हुए 'वर्ल्ड ऑर्डर' (विश्व व्यवस्था) में भारत 'विश्वमित्र' की भूमिका में आगे बढ़ रहा है. आज भारत ने विश्व को ये भरोसा दिया है कि हम साझा लक्ष्य तय कर सकते हैं, अपने लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं.' उन्होंने कहा कि विश्व कल्याण के लिए भारत की प्रतिबद्धता, निष्ठा, प्रयास और भारत का परिश्रम आज की दुनिया को ज्यादा सुरक्षित और समृद्ध बना रहा है.
भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने वैश्विक नेताओं और दुनिया भर के निवेशकों को बताया कि अब भारत अगले 25 वर्षों के लक्ष्य पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा, 'जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष मनाएगा, तब तक हमने भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य रखा है. इसलिए ये 25 साल का कार्यकाल भारत का अमृतकाल है.'