नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में दूर-दराज इलाकों के गांवों के भी अब पर्यटन के नक्शे पर आ जाने का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि लीक से हटकर सोच और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे इस साल का बजट पर्यटन मंत्रालय का सहयोग करेगा और युवाओं के लिए कई आर्थिक अवसर पैदा करेगा. 'पर्यटन का मिशन मोड में विकास' विषय पर आयोजित बजट-पश्चात वेबिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने पर्यटन स्थलों पर बहुभाषी सूचना बोर्ड लगाने की जरूरत रेखांकित की. इसके अलावा उन्होंने ऐसे ऐप विकसित करने पर जोर दिया, जिनमें देश की विभिन्न भाषाओं में सूचना दी गई हो.
उन्होंने कहा, 'यह वेबिनार पर्यटन क्षेत्र में बदलाव के लिए है, और जब सभी संबंधित लोग साथ आते हैं तो हमें अपना मनचाहा परिणाम तय समय के अंदर मिल जाता है.' मोदी ने कहा, 'कुछ लोग सोचते हैं कि पर्यटन एक काल्पनिक शब्द है, जो सिर्फ उच्च आयवर्ग के लोगों के लिए है. लेकिन भारत में, इसका लंबा सामाजिक-सांस्कृतिक अर्थ है.' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'लीक से हटकर सोच और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकता है.'
उन्होंने जोर देकर कहा कि धार्मिक स्थलों की वजह से पर्यटन क्षेत्र में भारी उछाल आया है और पिछले साल सात करोड़ लोग काशी विश्वनाथ मंदिर गए. यह वेबिनार सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे 12 बजट-पश्चात वेबिनारों का एक हिस्सा है. इसके पीछे सरकार का लक्ष्य आम बजट में घोषित की गई योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विभिन्न सुझाव और परामर्श लेना है. आम बजट में कहा गया है कि पर्यटन को बढ़ावा 'मिशन मोड' में दिया जाएगा, जिसमें राज्यों की सक्रिय भागीदारी होगी, सरकारी कार्यक्रम चलाए जाएंगे और सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल पर भी काम किया जाएगा.