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पीएम मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर UNSC की अगले महीने अध्यक्षता करेंगे

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Published : Jul 14, 2021, 6:53 PM IST

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अगस्त में होने वाली बैठक की पीएम मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला शामिल होंगे. इस दौरान समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद जैसे कई अहम मुद्दों पर बैठकों की अध्यक्षता करेंगे. पढ़िए वरिष्ठ संवाददाता चन्द्रकला की रिपोर्ट..

UNSC में अगले महीने अध्यक्षता करेगा भारत
UNSC में अगले महीने अध्यक्षता करेगा भारत

नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) और विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला (Harsh Shringala) अगले महीने (अगस्त) में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की भारतीय अध्यक्षता के दौरान समुद्री सुरक्षा, संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान और आतंकवाद जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर उच्च स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता करेंगे.

विदेश मंत्रालय के अनुसार, विदेश मंत्री जयशंकर और विदेश सचिव श्रृंगला अगले महीने न्यूयॉर्क जाएंगे और अधिकारियों से मुलाकात करेंगे, जबकि प्रधानमंत्री मोदी के वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करने की उम्मीद है. भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का दो साल के लिए अस्थायी सदस्य है. ये अवधि 2022 के अंत में पूरी होगी.

इस बीच, विदेश सचिव श्रृंगला दो दिवसीय बैठकों के लिए बुधवार की सुबह न्यूयॉर्क के लिए रवाना हुए. अपनी यात्रा के दौरान वह फ्रांस के विदेश मंत्री जीन वेस ले ड्रियन और अन्य शीर्ष गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात करेंगे. वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के दो महत्वपूर्ण सत्रों में भाग लेने के बाद अगले सोमवार को भारत लौट आएंगे. वर्तमान में, भारत का करीबी सहयोगी फ्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अध्यक्ष है.

ये भी पढ़ें - आतंकवाद का मुकाबला एससीओ का प्रमुख उद्देश्य : जयशंकर

बता दें कि भारत ने 1 जनवरी 2021 को विश्व निकाय-संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के शक्तिशाली अंग में अस्थायी सदस्य के रूप में अपना दो साल का कार्यकाल शुरू किया था. तब से, भारत ने यह जताया है और अंतरराष्ट्रीय शांति के मामलों और समग्र रूप से विश्व की सुरक्षा से संबंधित मामलों के समावेशी समाधान लाने के लिए अपनी ओर से कुछ कर रहा है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अपने कार्यकाल को बहुत गंभीरता से लिया है.

भारत ने विभिन्न वैश्विक मंचों पर बहुपक्षवाद में सुधार की आवश्यकता के लिए जहां अपने रुख को दोहराया है वहीं आतंकवाद, मानवाधिकारों के उल्लंघन जैसे वैश्विक सुरक्षा और मानवता के लिए अनिश्चित मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध है. इस वर्ष, भारत, नॉर्वे, केन्या, आयरलैंड और मैक्सिको गैर-स्थायी सदस्य एस्टोनिया, नाइजर, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, ट्यूनीशिया और वियतनाम तथा पांच स्थायी सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, यूके और अमेरिका शामिल हैं.

लीबिया और सीरिया संकट के अलावा अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति अब सबसे अहम मुद्दा है. अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा बढ़ता जा रहा है साथ ही काबुल में सुरक्षा की स्थिति बिगड़ रही है. आने वाले समय में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इस पर चर्चा कर सकती है. यह भी उम्मीद की जाती है कि अफगानिस्तान, लीबिया, इराक और सीरिया पर अक्सर यूएनएससी में चर्चा होती है और भारतीय अध्यक्षता के दौरान भी इन ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. इसके अलावा, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक कोरोना महामारी पर विशेष ध्यान देने के साथ सितंबर में यूएनजीए और अन्य महत्वपूर्ण बैठकों को संबोधित करेंगे.

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