अलवर.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे है, लेकिन ये कॉरिडोर अब आम लोगों के साथ ही तस्करों के लिए भी सुरक्षित व सुविधाजनक हो गया है. खैर, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि गौ तस्कर खुलेआम इस एक्सप्रेस वे के जरिए एक राज्य से दूसरे राज्यों को जा रहे हैं. वहीं, एक्सप्रेस वे पर वाहन चेकिंग व जांच न होने का फायदा उठा रहे हैं.
आम लोगों से ज्यादा तस्करों को हुआ फायदा :असल में देश की राजधानी दिल्ली को देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई से जोड़ने के लिए देश के सबसे लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का काम तेजी से चल रहा है. हालांकि, दिल्ली से लालसोट दौसा तक एक्सप्रेस वे को शुरू कर दिया गया है. वहीं, इसके शुरू होने से हजारों लोगों को राहत मिली है. लेकिन सबसे ज्यादा फायदा गौ तस्करों को हुआ है, क्योंकि इस एक्सप्रेस वे पर स्थानीय पुलिस को प्रवेश की अनुमति नहीं है. इसलिए एक्सप्रेस वे पर वाहनों की चेकिंग व वाहनों की जांच के भी कोई इंतजाम नहीं है. यही वजह है कि इस एक्सप्रेस के जरिए गौ तस्कर आसानी से राजस्थान से हरियाणा पहुंच जाते हैं.
स्थानीय पुलिस को प्रवेश की अनुमति नहीं :बीते एक माह के दौरान गौ रक्षकों ने 10 से ज्यादा हरियाणा के वाहनों को पकड़ कर राजस्थान पुलिस को सौंप हैं तो वहीं प्रतिदिन 30 से 40 वाहनों में गौ तस्करी, शराब तस्करी व अन्य मादक पदार्थों की तस्करी होती है. असल में वाहनों की चेकिंग की व्यवस्था नहीं होने व पुलिस की गश्ती नहीं होने से तस्कर इसका फायदा उठाते हैं और खुलेआम तस्करी कर रहे हैं. अलवर के पिनान, रामगढ़, बड़ौदामेव व दौसा, बांदीकुई समेत विभिन्न जगहों से तस्कर एक्सप्रेस वे पर चढ़ रह हैं और हरियाणा में पलवल, बल्लबगढ़ सहित अन्य सड़क मार्गों पर आसानी से उतर जाते हैं.