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मोदी सरकार की त्योहारों पर सौगात, केंद्रीय कर्मचारियों का DA चार फीसदी बढ़ा

मोदी सरकार ने डीए में चार फीसदी की वृद्धि की है और इसे 34 फीसदी से बढ़ाकर 38 फीसदी कर दिया गया है. ये बढ़ोतरी जुलाई से लेकर दिसंबर 2022 के लिए मान्य होगा. वहीं, मुफ्त अनाज योजना का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ाने का कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया है.

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Published : Sep 28, 2022, 1:14 PM IST

Updated : Sep 28, 2022, 4:49 PM IST

नई दिल्ली :त्योहारों से पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़े उपहार का ऐलान किया है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) में वृद्धि का फैसला किया है. वहीं, मुफ्त अनाज योजना का कार्यकाल भी बढ़ाया गया है.

जानकारी के मुताबिक, मोदी सरकार ने डीए में चार फीसदी की वृद्धि की है और इसे 34 फीसदी से बढ़ाकर 38 फीसदी कर दिया गया है. ये बढ़ोतरी जुलाई से लेकर दिसंबर 2022 के लिए मान्य होगा. कर्मचारियों और पेंशनर्स को 38 फीसदी के हिसाब से महंगाई भत्ते और राहत का लाभ मिलेगा. ये बढ़ोतरी सातवें केंद्रीय वेतन आयोग (7th Central Pay Commission) की सिफारिशों के तहत स्वीकृत फार्मूले पर आधारित है.

बता दें कि अभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 34 प्रतिशत के हिसाब से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. लेकिन, कमरतोड़ महंगाई के मद्देनजर सरकार ने इसे चार प्रतिशत बढ़ाकर 38 प्रतिशत कर दिया है. केंद्रीय कर्मचारियों को अक्टूबर के वेतन के साथ में नए डीए का पूरा पेमेंट किया जाएगा. अक्टूबर के महीने में कर्मचारियों को उनका पिछले तीन महीने का सारा एरियर भी दिया जाएगा.

गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजना तीन महीने बढ़ी

सरकार ने बुधवार को गरीबों को मुफ्त अनाज देने की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM Garib Kalyan Anna Yojana) की अवधि तीन माह यानी दिसंबर 2022 तक बढ़ा दी है. इसपर 44,700 करोड़ रुपये की लागत आएगी. माना जा रहा है कि महंगाई से गरीबों को कुछ राहत देने के अलावा गुजरात विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह निर्णय किया गया है. सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं को ये जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में योजना तीन महीने बढ़ाने का निर्णय किया गया. योजना के तहत 80 करोड़ गरीबों को पांच किलो गेहूं और चावल हर महीने दिया जाता है. यह योजना शुक्रवार 30 सितंबर को समाप्त हो रही थी. इसे तीन महीने यानी अक्टूबर से दिसंबर, 2022 तक के लिये बढ़ाया गया है.

आधिकारिक बयान के अनुसार, ऐसे समय में जब दुनिया कोविड महामारी और अन्य कारणों से उत्पन्न विभिन्न समस्याओं से जूझ रही है, भारत ने आम लोगों के लिये चीजें सुलभ रखने को लेकर आवश्यक कदम उठाते हुए कमजोर वर्गों के लिये खाद्य सुरक्षा को सफलतापूर्वक बनाए रखा है. इसमें कहा गया है कि महामारी के दौरान लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. इसको देखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) तीन महीने के लिये बढ़ाने का फैसला किया है ताकि गरीब और समाज के वंचित तबके को त्योहारों के दौरान मदद मिले और कोई समस्या नहीं हो.

योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के अंतर्गत आने वाले सभी लाभार्थियों को हर महीने पांच किलो अनाज प्रति व्यक्ति दिया जाता है. ठाकुर ने कहा कि सरकार ने पीएमजीकेएवाई के अप्रैल, 2020 में शुरू होने के बाद अबतक इसपर 3.45 लाख करोड़ रुपये खर्च किये हैं. उन्होंने कहा कि योजना को तीन महीने के लिये बढ़ाये जाने से अतिरिक्त 44,762 करोड़ रुपये खर्च होने से इस पर कुल व्यय लगभग 3.91 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा. ठाकुर ने कहा कि एक अक्टूबर से तीन महीने के दौरान गरीबों को 122 लाख टन खाद्यान्न मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा. कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ से प्रभावित गरीबों को राहत देने के लिये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अप्रैल, 2020 में लायी गयी थी.

Last Updated : Sep 28, 2022, 4:49 PM IST

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