पेरिस : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (French President Emmanuel Macron) के साथ द्विपक्षीय साझेदारी को प्रगाढ़ बनाने पर व्यापक चर्चा की. मैक्रों ने राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास 'एलिसी पैलेस' में मोदी का स्वागत किया और संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए कई मुद्दों पर बातचीत की. इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री मोदी ने मैक्रों के साथ मुख्य अतिथि के रूप में फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस समारोह के दौरान 'बैस्टिल दिवस' परेड में शिरकत की. इस अवसर पर फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों के साथ भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के राफेल लड़ाकू विमान भी फ्लाईपास्ट में शामिल हुए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने फ्रांस दौरे में राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है. इसी क्रम में दोनों नेताओं ने शुक्रवार को साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की कर संयुक्त बयान दिए. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत और फ्रांस आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में एकजुट रहे हैं. हमारा मानना है कि सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 'रेजिडेंट पावर' के रूप में, भारत और फ्रांस हिंद-प्रशांत सहयोग की रूपरेखा पर काम कर रहे हैं. भारत दीर्घकालिक शांति की बहाली के लिए योगदान देने को तैयार.
उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, अगले 25 साल की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं. हम छोटे और मॉड्यूलर परमाणु रियेक्टरों पर सहयोग को लेकर बातचीत करेंगे, परमाणु ऊर्जा में अपने सहयोग को आगे लेकर जाएंगे. फ्रांस भारत में राष्ट्रीय संग्रहालय के विकास में साझेदार के तौर पर जुड़ रहा है. हम फ्रांस में भारत के 'यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस' (यूपीआई) को शुरू करने पर सहमत हुए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी और यूक्रेन संघर्ष का प्रभाव दुनिया भर में महसूस किया गया है. कोविड-19 महामारी और यूक्रेन संघर्ष जैसी समस्याओं के समाधान के लिए सभी देशों का एकजुट होकर प्रयास करना जरूरी है
मैक्रों ने मोदी को प्राउस्ट के उपन्यास और शारलेमैन चैसमैन की प्रतिकृति उपहार में दी
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 1916 में खींची गयी एक तस्वीर की फ्रेम की हुई प्रतिकृति उपहार में दी जिसमें एक पेरिसवासी एक सिख अधिकारी को पुष्प भेंट करता दिखाई दे रहा है. अधिकारियों ने यहां बताया कि मोदी को 11वीं सदी की 'शारलेमैन चैसमेन' की प्रतिकृति और 1913 से 1927 के बीच प्रकाशित मार्सल प्राउस्ट के उपन्यास 'आ ला रिसर्च ड्यू टेंम्प्स पर्दू' के अंक भी भेंट किये गये हैं। इस उपन्यास को 20वीं सदी की शुरुआत की फ्रांसीसी साहित्य की सर्वोत्कृष्ट कृतियों में गिना जाता है.
वर्ष 1916 की तस्वीर 14 जुलाई को सैन्य परेड के दौरान चैम्प्स-एलिसी में म्यूरिसे समाचार एजेंसी के एक फोटो पत्रकार ने खींची थी. यह मूल तस्वीर नेशनल लाइब्रेरी ऑफ फ्रांस में रखी है. प्रथम विश्व युद्ध के समय की इस तस्वीर में एक स्थानीय राहगीर फ्रांस में तैनात 'इंडियन एक्सपिडिशनरी फोर्स' (आईईएफ) के एक सिख ‘वायसराय कमीशन्ड अधिकारी’ (वीसीओ) को पुष्प भेंट करता दिखाई दे रहा है. प्रथम विश्व युद्ध में करीब 13 लाख भारतीयों ने ब्रिटेन की ओर से भाग लिया था. इस युद्ध में 70,000 से अधिक लोगों की जान चली गयी थी जिनमें करीब 9,000 लोग फ्रांस और बेल्जियम से थे. 'शारलेमैन' चैसमेन को यह नाम फ्रेंक के राजा शारलेमैन से मिला जिन्हें अब्बासीद खलीफा हारून अल-राशिद ने हाथीदांत से बना यह शतरंज उपहार में दिया था.