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Launch Of Aditya-L1: पीएम मोदी समेत दिग्गजों ने 'आदित्य एल1' के प्रक्षेपण को शानदार उपलब्धि बताया - Congress General Secretary Jairam Ramesh

पीएम मोदी ने आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी. वहीं, कांग्रेस पार्टी की ओर से भी प्रक्षेपण की तारीफ की गई. साथ ही इस योजना के बैकग्राउंड का भी उल्लेख किया.

Congress called the launch of 'Aditya L1' a great achievement, mentioned the historical background
कांग्रेस ने ‘आदित्य एल1’ के प्रक्षेपण को शानदार उपलब्धि बताया, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का जिक्र किया

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 2, 2023, 1:18 PM IST

Updated : Sep 2, 2023, 8:11 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे.' वहीं, कांग्रेस ने शनिवार को आदित्य एल1 मिशन को देश के लिए शानदार उपलब्धि करार दिया और इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा कि परियोजना को साल 2009 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की मंजूरी मिली थी. सूर्य मिशन से संबंधित उपग्रह आदित्य एल1 को शनिवार पूर्वाह्न 11.50 बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया किया गया.

इस उपग्रह को सूर्य परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर एल1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अवलोकन करने के लिए डिजाइन किया गया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'आज आदित्य एल 1 का प्रक्षेपण‌ इसरो और भारत के लिए एक और शानदार उपलब्धि है.

इसरो को एक बार फिर सलाम करते हुए, इसकी निरंतरता को समझने के लिए आदित्य एल1 की हाल की टाइमलाइन को याद करना सही होगा.' उन्होंने कहा, '2006 में 'एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ऑफ इंडिया' और 'इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज' के वैज्ञानिकों ने एक उपकरण के साथ सौर वेधशाला के कंसेप्ट का प्रस्ताव रखा. मार्च 2008 में वैज्ञानिकों ने इसरो के साथ इस प्रस्ताव को साझा किया.'

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रमेश के अनुसार, 'दिसंबर 2009 में इसरो ने एक उपकरण के साथ आदित्य-1 परियोजना को मंजूरी दी. अप्रैल 2013 में पूर्व अध्यक्ष यूआर राव के हस्तक्षेप के बाद इसरो ने एक अवसर के बारे में घोषणा की, जिसमें वैज्ञानिक समुदाय से अधिक वैज्ञानिक उपकरणों (पेलोड) के प्रस्तावों की मांग की गई थी.' उन्होंने कहा, 'जून 2013 , इसरो ने प्राप्त वैज्ञानिक प्रस्तावों की समीक्षा की. जुलाई 2013 में इसरो ने आदित्य-1 मिशन के लिए सात पेलोड का चयन किया. इस मिशन का अब नाम बदलकर आदित्य एल1 मिशन कर दिया गया है. नवंबर 2015 में इसरो ने औपचारिक रूप से आदित्य-एल 1 को मंजूरी दी.

आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण पर देश गौरवान्वित है: केन्द्रीय मंत्री अमित शाह

केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि भारत के पहले सूर्य मिशन 'आदित्य-एल1' के सफल प्रक्षेपण पर देश गौरवान्वित और प्रसन्न है. शाह ने साथ ही इसके लिए वैज्ञानिकों की सराहना की. इसरो ने कुछ दिन पहले चंद्रमा पर सफल 'सॉफ्ट लैंडिंग' करने के बाद एक बार फिर इतिहास रचने के उद्देश्य से शनिवार को देश के पहले सूर्य मिशन 'आदित्य एल1' का आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण किया. इसने बताया कि आदित्य-एल1 यान पीएसएलवी रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग होकर सटीक कक्षा में पहुंच गया है.

शाह ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, 'हमारे वैज्ञानिकों ने लगातार अपना पराक्रम और प्रतिभा साबित की है. पहले सूर्य मिशन 'आदित्य-एल1' के सफल प्रक्षेपण पर देश गौरवान्वित तथा प्रसन्न है.' उन्होंने कहा, 'इस अद्वितीय उपलब्धि के लिए इसरो की टीम को बधाई. यह अमृत काल में अंतरिक्ष के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने की दिशा में एक ऊंची छलांग है.

आदित्य एल1 का प्रक्षेपण शानदार उपलब्धि : खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'तमसो मा ज्योतिर्गमय - मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो. हम अपने वैज्ञानिकों, अंतरिक्ष इंजीनियरों, शोधकर्ताओं और अपने कड़ी मेहनत करने वाले कर्मियों के ऋणी और आभारी हैं. हम सब मिलकर उनकी सफलता का जश्न मनाते हैं और कृतज्ञता के साथ उनका सम्मान करते हैं.'

उन्होंने कहा, 'भारत ने सूर्य की यात्रा 2006 में शुरू की, जब हमारे वैज्ञानिकों ने सूर्य के लिए एक ही उपकरण के साथ एक सौर वेधशाला का प्रस्ताव रखा. जुलाई 2013 में इसरो ने आदित्य-1 मिशन के लिए सात पेलोड का चयन किया, जिसे अब आदित्य-एल1 मिशन का नाम दिया गया है. नवंबर 2015 में इसरो ने औपचारिक रूप से आदित्य-एल1 को मंजूरी दे दी.' खड़गे ने कहा, 'इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए हमारे दिग्गज वैज्ञानिकों और अनगिनत शोधकर्ताओं की दूरदर्शिता, सरलता और जोरदार समर्पण को हमारा नमन. हमें उम्मीद है कि यह हमारी युवा पीढ़ी को प्रेरित करती रहेंगी और हमारे लोगों में गहरी वैज्ञानिक सोच पैदा करेंगी'.

यह भारत के लिए एक शानदार क्षण : जितेंद्र सिंह

आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण पर केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, 'यह भारत के लिए एक शानदार क्षण है. चंद्रयान की तरह यहां भी पूरा देश शामिल था. यह संभव हो पाया क्योंकि पीएम मोदी श्रीहरिकोटा के द्वार खोलकर सभी हितधारकों को एक साथ लाए, उन्हें एहसास कराया है कि यह मिशन पूरे भारत का है.'

(एक्सट्रा इनपुट एजेंसी)

Last Updated : Sep 2, 2023, 8:11 PM IST

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