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Modi at Global South Summit : पीएम मोदी बोले, हमने युद्ध, संघर्ष और आतंकवाद को पीछे छोड़ा

इस सम्मेलन (Voice of Global South summit) का विषय 'आवाज की एकता और उद्देश्य की एकता' है. प्रधानमंत्री मोदी इसके दो प्रमुख सत्रों की मेजबानी कर रहे हैं. सम्मेलन में वैश्विक दक्षिण के देशों को एक साथ लाने और उन्हें अपने विचार साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करने की कल्पना की गई है. सम्मेलन भारत के 'वसुधैव कुटुम्बकम' (दुनिया एक परिवार है) के दर्शन से प्रेरित है.

Voice of Global South Summit
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो

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Published : Jan 12, 2023, 10:30 AM IST

Updated : Jan 12, 2023, 4:09 PM IST

नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को दो दिवसीय 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ' (Voice of Global South summit) शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. जिसकी थीम 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ मानव-केंद्रित विकास' है. भारत द्वारा 12 और 13 जनवरी को आयोजित होने वाले वर्चुअल सम्मेलन में 120 से अधिक देश भाग ले रहे हैं. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मैं आपका स्वागत इस समिट में कर रहा हूं. मैं आपका धन्यवाद करता हूं कि आप दुनिया के विभिन्न जगहों से इसमें हिस्सा ले रहे हैं. भारत ने हमेशा वैश्विक दक्षिण के अपने भाइयों के साथ अपने विकास संबंधी अनुभव को साझा किया है.

उन्होंने कहा कि हमने एक और कठिन वर्ष को पीछे छोड़ दिया जो युद्ध, संघर्ष, आतंकवाद और भू-राजनीतिक तनाव, बढ़ती खाद्य उर्वरक और ईंधन की कीमतों को दर्शाता है. अधिकांश वैश्विक चुनौतियां ग्लोबल साउथ द्वारा नहीं बनाई गई हैं, लेकिन वे हमें अधिक प्रभावित करती हैं. पीएम ने कहा कि हम वैश्विक दक्षिण का भविष्य में सबसे बड़ा दांव है. हमारे देशों में तीन-चौथाई मानवता रहती है. भारत ने हमेशा अपने विकास के अनुभव को वैश्विक दक्षिण के साथ साझा किया है. हमारी विकास साझेदारी में सभी भौगोलिक और विविध क्षेत्र शामिल हैं. भारत ने इस वर्ष अपनी G20 अध्यक्षता शुरू की है, यह स्वाभाविक है कि हमारा उद्देश्य वैश्विक दक्षिण की आवाज को बढ़ाना है.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जी-20 की भारत की मौजूदा अध्यक्षता उन देशों को एक विशेष और मजबूत अवसर प्रदान करती है जो इस सम्मेलन के माध्यम से जी-20 से अपने विचारों और अपेक्षाओं को साझा करने के लिए जी-20 प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हैं. रिपोर्ट के अनुसार, सम्मेलन में 10 सत्र होंगे, जिसमें चार गुरुवार और छह शुक्रवार को होंगे. प्रत्येक सत्र में 10 से 20 देशों के नेताओं और मंत्रियों के भाग लेने की उम्मीद है. उद्घाटन और समापन सत्र प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित राज्य या सरकार के स्तर पर होंगे.

इसके अलावा, निम्नलिखित विषयों पर आठ मंत्रिस्तरीय सत्र होंगे- जिसमें 'जन-केंद्रित विकास के वित्तपोषण' पर वित्त मंत्रियों का सत्र, पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली के साथ विकास को संतुलित करने पर पर्यावरण मंत्रियों का सत्र, मानव संसाधन विकास और क्षमता निर्माण पर शिक्षा मंत्रियों का सत्र, ऊर्जा सुरक्षा और विकास-समृद्धि का रोडमैप पर ऊर्जा मंत्रियों का सत्र के अलावा भी कई अन्य सत्र शामिल हैं.

Last Updated : Jan 12, 2023, 4:09 PM IST

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