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गुलामी के समय से चले आ रहे अप्रासंगिक कानूनों को खत्म करने पर विचार करें राज्य: मोदी

पीएम मोदी ने आज कानून मंत्रियों और कानून सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि गुलामी के समय से चले आ रहे तथा अप्रासंगिक हो चुके कानूनों को खत्म करना चाहिए.

PM Modi address the inaugural session of the All India Conference of Law Ministers and Law Secretaries
पीएम मोदी कानून मंत्रियों के अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगेEtv Bharat

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Published : Oct 15, 2022, 7:13 AM IST

Updated : Oct 15, 2022, 12:06 PM IST

केवडिया:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पिछले कुछ सालों के भीतर देश में डेढ़ हजार से अधिक पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को समाप्त किया गया है और आजादी के अमृतकाल में राज्यों को भी इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए गुलामी के समय से चले आ रहे तथा अप्रासंगिक हो चुके कानूनों को खत्म करना चाहिए.

यहां आयोजित विधि मंत्रियों और विधि सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने राज्यों से अपील की कि वे अपने राज्यों में बनाए जाने वाले कानूनों की भाषा पर ध्यान केंद्रित करें ताकि गरीब से गरीब भी नए बनने वाले कानून को अच्छी तरह समझ पाएं.

उन्होंने कहा, 'किसी भी नागरिक के लिए कानून की भाषा बाधा न बने, हर राज्य इसके लिए भी काम करे. युवाओं के लिए मातृभाषा में अकादमिक प्रणाली (एकेडमिक सिस्टम) भी बनानी होगी, कानून से जुड़े पाठ्यक्रम मातृभाषा में हो, हमारे कानून सरल एवं सहज भाषा में लिखे जाएं, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के महत्वपूर्ण मामलों की डिजिटल लाइब्रेरी स्थानीय भाषा में हो, इसके लिए हमें काम करना होगा.'

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी के समय के कई पुराने कानून अभी भी राज्यों में चल रहे हैं और आजादी के अमृतकाल में गुलामी के समय से चले आ रहे इन कानूनों को समाप्त करके नए कानून आज की तारीख के हिसाब से बनाये जाना जरूरी है. उन्होंने सम्मेलन में शामिल कानून मंत्रियों एवं सचिवों से कहा, ‘‘मेरा आप सबसे आग्रह है कि सम्मेलन में इस तरह के कानूनों की समाप्ति का रास्ता बनाने पर विचार करना चाहिए.

इसके अलावा राज्यों के जो मौजूदा कानून हैं, उसकी समीक्षा भी बहुत मददगार साबित होगी.' उन्होंने कहा कि न्याय में देरी एक ऐसा विषय है जो नागरिकों की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है और देश की न्यायपालिका इस दिशा में गंभीरता से काम भी कर रही है. उन्होंने कहा, 'अब अमृतकाल में मिलकर हमें इस समस्या का समाधान करना है.'

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पीएम मोदी ने अदालतों में लंबित मामलों की संख्या पर भी चिंता जताई और कहा कि लोक अदालतों के माध्यम से देश में बीते वर्षों में लाखों मामलों को सुलझाया गया है. उन्होंने कहा, 'इनसे अदालतों का बोझ भी बहुत कम हुआ है, खासकर गांव में रहने वाले लोगों और गरीबों को न्याय मिलना भी आसान हुआ है.' इस दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी गुजरात के विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा की जा रही है। इस सम्मेलन का उद्देश्य नीति निर्माताओं को भारतीय कानूनी और न्यायिक प्रणाली से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है. इस सम्मेलन के माध्यम से राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने, नए विचारों का आदान-प्रदान करने और अपने आपसी सहयोग में सुधार करने में सक्षम होंगे.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Oct 15, 2022, 12:06 PM IST

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