नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों के राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन (pm modi address at national labour conference) को संबोधित किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विकसित भारत के सपने को साकार करने में श्रम शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है. उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि जैसे जरूरत के समय देश ने अपने श्रमिकों का साथ दिया, वैसे ही इस महामारी से उबरने में श्रमिकों ने भी पूरी शक्ति लगा दी है। आज भारत फिर से दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ कर रही अर्थव्यवस्था बना है, तो इसका बहुत बड़ा श्रेय हमारे श्रमिकों को ही जाता है.
प्रधानमंत्री ने कहा, बीते आठ वर्षों में हमने देश में गुलामी के दौर के, और गुलामी की मानसिकता वाले कानूनों को खत्म करने का बीड़ा उठाया है. देश अब ऐसे लेबर कानूनों को बदल रहा है, रीफॉर्म कर रहा है, उन्हें सरल बना रहा है. इसी सोच से, 29 लेबर कानूनों को 4 सरल लेबर कोड्स में बदला गया है. उन्होंने कहा, अमृतकाल में विकसित भारत के निर्माण के लिए हमारे जो सपने हैं, जो आकांक्षाएं हैं, उन्हें साकार करने में भारत की श्रम शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है. इसी सोच के साथ देश संगठित और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों श्रमिक साथियों के लिए निरंतर काम कर रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा, हमें सोचना होगा कि हम अपने महिला कार्यबल के लिये खासकर उभरते क्षेत्रों में और क्या कर सकते हैं. हम काम के लचीले घंटों को अपनाकर नारी शक्ति का अच्छा उपयोग कर सकते हैं. यह भविष्य की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, 'काम करने के स्थान, घर से काम करने की सुविधा का परिवेश और काम के घंटों में लचीलापन भविष्य की जरूरत है. हम महिला श्रमशक्ति के लिये अवसर पैदा करने को लेकर लचीले कार्यस्थलों जैसी प्रणालियों का उपयोग कर सकते हैं.'
प्रधानमंत्री ने त्वरित निर्णय लेने और उन्हें तेज गति से लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि चल रही चौथी औद्योगिक क्रांति का लाभ उठाया जा सके. उन्होंने कहा, देश पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों का लाभ उठाने में पीछे रह गया. मौजूदा चौथी औद्योगिक क्रांति का लाभ उठाने के लिये हमें त्वरित निर्णय लेने और इसे तेजी से लागू करने की भी जरूरत है. दुनिया तेजी से बदल रही है. इसका लाभ लेने के लिये हमें भी उसी गति से तैयार होना होगा.