नई दिल्ली: नए संसद भवन का शिलान्यास करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन बहुत ही ऐतिहासिक है. आज का दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील के पत्थर की तरह है. हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे और इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा कि जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए, तो उस पर्व की साक्षात प्रेरणा, हमारी संसद की नई इमारत बने.
उन्होंने कहा कि हमारे वर्तमान संसद भवन ने आजादी के आंदोलन और फिर स्वतंत्र भारत को गढने में अपनी अहम भूमिका निभाई है. आजाद भारत की पहली सरकार का गठन भी यहीं हुआ और पहली संसद भी यहीं बैठी.
उन्होंने कहा कि संसद के शक्तिशाली इतिहास के साथ ही यथार्थ को स्वीकारना उतना ही आवश्यक है. ये इमारत अब करीब 100 साल की हो रही है. बीते वर्षों में इसे जरूरत के हिसाब से अपग्रेड किया गया. कई नए सुधारों के बाद संसद का ये भवन अब विश्राम मांग रहा है. वर्षों से नए संसद भवन की जरूरत महसूस की गई है. ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि 21वीं सदी के भारत को एक नया संसद भवन मिले. इसी कड़ी में ये शुभारंभ हो रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी, तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा. पुराने भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, तो नए भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी.