श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने मंगलवार को यहां कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थिति गंभीर है, क्योंकि प्रधानमंत्री 'दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी' मिटाने के अपने वादे को पूरा करने में नाकाम रहे हैं. अब्दुल्ला जम्मू में अपनी पार्टी के एक दिवसीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
अब्दुल्ला ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमसे 'दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी' हटाने का वादा किया था. न तो दिल जुड़े न ही जम्मू कश्मीर और दिल्ली के बीच की दूरी मिटी. अगर कुछ बदला है तो उन्हें लोगों को यह बताना चाहिए.'
उनका इशारा संभवत: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिये बगैर उनके उस बयान की ओर था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 के रद्द होने के बाद जम्मू कश्मीर में स्थिति में सुधार हुआ है. नेकां अध्यक्ष ने कहा कि झूठे दावे किए जा रहे हैं जबकि जमीनी स्तर पर स्थिति गंभीर है.
अब्दुल्ला ने हाल में कहा था कि अपने अधिकार वापस पाने के लिये जम्मू कश्मीर के लोगों को प्रदर्शनकारी किसानों की तरह बलिदान करना पड़ सकता है, जिस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्हें देश छोड़ने की सलाह दी थी. कुमार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि वह भारतीय हैं और भारतीय के तौर पर ही मरेंगे.
अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली की जंग न तो आसान होगी और न ही खुदा किसी को यह लड़ाई हमारी तरफ से लड़ने के लिये भेजेगा.
अब्दुल्ला ने कहा, 'हमें एकजुट होना होगा और अपने अधिकारों के लिये लड़ना होगा. हमनें बंदूक या हथगोले नहीं उठाए और न ही पत्थर फेंके. हम प्रधानमंत्रीपद या राष्ट्रपति पद नहीं चाहते हैं बल्कि हमारी लड़ाई हमारे अधिकारों के लिये है जो हमसे छीन लिए गए हैं.'