नई दिल्ली : इस साल मार्च से मई तक महामारी की दूसरी लहर (second wave of COVID-19) के दौरान कोविड-19 रोगियों के लिए चिकित्सकीय ऑक्सीजन की कथित तौर पर आपूर्ति नहीं होने और अनुपलब्धता की आयोग द्वारा उच्च स्तरीय जांच कराने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है.
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ (justices D Y Chandrachud) और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना ( B V Nagarathna,) की पीठ के समक्ष सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई होनी है. इसमें आरोप लगाया गया है कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान चिकित्सकीय ऑक्सीजन की अनुपलब्धता के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में कई रोगियों की मौत हो गई थी.
दिल्ली के रहने वाले एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका में शीर्ष अदालत से इस साल मार्च से मई के महीनों में चिकित्सकीय ऑक्सीजन की अनुपलब्धता से संबंधित मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) या किसी अन्य जांच एजेंसी द्वारा अदालत की निगरानी में जांच का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है. याचिका में शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश या किसी उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले आयोग से उच्च स्तरीय जांच कराने का अनुरोध किया गया है.
याचिका में कहा गया कि अगर अधिकारियों की ओर से कोई लापरवाही की गई थी तो जांच में उसका पता चलेगा कि क्यों चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी आई थी. याचिका में केंद्र और अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है, जिनमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और कई राज्यों के स्वास्थ्य विभाग शामिल हैं.