देहरादून:जोशीमठ शहर में भू-धंसाव (Landslide in Joshimath city) और घरों में पड़ रही दरारों से लोगों के जीवन और संपत्ति को नुकसान पहुंच रहा है. जिसे देखते हुए ज्योतिष पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर (Avimukteshwaranand Saraswati filed petition in SC) की है. याचिका में जोशीमठ में भूमि धंसाव की घटना को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और प्रभावित परिवारों को राज्य सरकार द्वारा त्वरित राहत देने और पुनर्वास की व्यवस्था करने की मांग की गई है.
जोशीमठ भू-धंसाव का मामला पहुंचा SC, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दाखिल की पीआईएल
जोशीमठ भू-धंसाव प्रभावितों को जल्द राहत देने के लिए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने प्रभावितों को सरकार द्वारा जल्द राहत देते हुए पुनर्वास की व्यवस्था करने की मांग की है. साथ ही जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव के कारणों का पता लगाने की अपील की है.
बता दें कि जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भी काफी चिंतित है. इस समस्या को लेकर उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने जोशीमठ के महत्व को देखते हुए सकारात्मक पहल करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने जोशीमठ भू-धंसाव के पीछे के कारणों का पता लगाने और जोशीमठ शहर को बचाने की अपील की है.
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शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि ज्योर्तिमठ में भी दीवारों में दरारें आ गई हैं और जमीन भी धंस रही है. इतना ही नहीं नृसिंह मंदिर की दीवारों में भी दरारें आने लग गई हैं. जब कोई विद्वान आपकी सुरक्षा के लिए कोई बात या फिर अध्ययन करके किसी चीज को समाज के सामने रखता है, तब उसकी बातों को हंसी में उड़ा दिया जाता है. उन्हें विकास विरोधी बताया जाता है. उन्होंने कहा विकास के नाम पर जो विनाश होने की संभावनाएं होते हैं, उस विकास के विरोधी हम हैं.