नई दिल्ली : दिल्ली की साकेत कोर्ट ने ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स की जमाखोरी के मामले में गिरफ्तार नवनीत कालरा की पुलिस हिरासत की मांग खारिज कर दी है. ड्यूटी मजिस्ट्रेट वसुंधरा आजाद ने नवनीत कालरा की जमानत याचिका पर 25 मई को सुनवाई करने का आदेश दिया.
पांच दिनों की न्यायिक हिरासत की मांग की थी
दिल्ली पुलिस ने नवनीत कालरा की पांच दिनों की न्यायिक हिरासत की मांग की थी. दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि मामले में शुरु में लोदी कालोनी पुलिस थाने में FIR दर्ज किया गया था. उसके बाद इसे क्राइम ब्रांच में भेज दिया गया. क्योंकि यह दूसरे राज्य से भी जुड़ा हुआ था. इस दौरान आरोपी ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर किया था. उन्हें हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली. उसके बाद आरोपी को गुड़गांव से गिरफ्तार किया गया और कोर्ट के समक्ष पेश किया गया. कोर्ट से पांच दिनों की हिरासत मांगी गई थी लेकिन तीन दिनों की हिरासत मिली थी.
खरीदारों के सामने पूछताछ की जरुरत
अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि आरोपी के दो फोन जब्त कर मैदानगढ़ी थाने ने सील कर दिया था. उन फोन का मिरर इमेज लिया जाना था. हमने पुलिस हिरासत की मांग की थी. इस मामले में 23 बैंकों के पैसे का ट्रांजैक्शन हुआ है. बैंकों को हमने नोटिस दिया है. मिरर इमेज के लिए आरोपी की सहमति की जरुरत होती है. उनके सीए से पूछताछ करनी है. आरोपी के सामने मोबाइल का डाटा सीए के सामने बैठाकर पूछताछ करनी है. जिन लोगों को व्हाट्स ऐप से बेचा गया है. उनके सामने भी बैठाकर पूछताछ करनी है. श्रीवास्तव ने कहा कि मैट्रिक्स और क्लासिक मेटल कंपनियों ने ये डील किया. उन्होंने कहा कि एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि ये ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स कोरोना मरीजों के लिए किसी उपयोग की नहीं है. इसलिए आरोपी की हिरासत में पूछताछ की जरुरत है.
पुलिस को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए
नवनीत कालरा की ओर से वकील विनीत मल्होत्रा ने कहा कि आरोपी ने जांच में पूरे तरीके से सहयोग किया है. उन्होंने कहा कि पुलिस को निष्पक्ष रुप से जांच करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पुलिस अफसर ने जब छापा मारा तो मैट्रिक्स नामक कंपनी के कंसेंट्रेटर्स बरामद किया, जो आरोपी के परिसर से मिले. उन कंसेट्रेटर्स को अलग-अलग रेट पर उनकी क्वालिटी के मुताबिक बेचे गए. इस मामले के आरोपी गौरव खन्ना जो मैट्रिक्स के सीईओ हैं. गौरव खन्ना की हिरासत मांगने के समय जो दलीलें दी गई थी. वही दलीलें नवनीत कालरा की हिरासत मांगने के लिए की गई हैं. गौरव खन्ना को जमानत भी मिल चुकी है. उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत मांगने की कोई जरुरत नहीं है. तब कोर्ट ने पूछा कि दोनों आरोपियों की परिस्थिति अलग-अलग है. बैंक खाते की जानकारी के लिए आरोपी की जरुरत नहीं है.
पिछली सुनवाई के समय दी गई दलील दोहराई गई