नई दिल्ली :भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने गुरुवार को न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण के लिए कॉलेजियम प्रणाली को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया. याचिका में राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति समिति के कार्यान्वयन की मांग की गई है.
याचिका एडवोकेट मैथ्यूज जे नेदुमपारा, रोहिणी मोहित अमीन, मारिया नेदुमपारा, राजेश विष्णु आद्रेकर, हेमाली सुरेश कुर्ने, शरद वासुदेव कोली, सीए मनीषा निमेश मेहता और करन कौशिक ने दायर की है.
एडवोकेट मैथ्यूज नेदुमपारा ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच के समक्ष याचिका का जिक्र किया. एडवोकेट नेदुमपारा ने अपील की कि इस पर 24 फरवरी को सुनवाई हो, लेकिन कोर्ट ने मना कर दिया और कहा कि याचिका पर विचार करने के बाद ही सुनवाई की तारीख दी जाएगी. याचिका में कहा गया है कि 'न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली के परिणामस्वरूप याचिकाकर्ताओं और हजारों योग्य, मेधावी वकीलों के लिए समान अवसर नहीं हैं.'
याचिका में कहा गया है कि 'कॉलेजियम व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है, जिसके लिए याचिकाकर्ताओं ने अपेक्षित तंत्र लाने के लिए सरकार को बार-बार अभ्यावेदन दिया है. हालांकि, कुछ भी ठोस आकार नहीं ले पाया है. ऐसे में सरकार के बजाय, सर्वोच्च न्यायालय को कॉलेजियम बनाने और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम को रद्द करने में हुई त्रुटियों को स्वयं ठीक करना ही उचित है.'