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चमड़ा बनाने के लिए अनानास के उपयोग की जांच कर रही है मेघालय सरकार

हैदराबाद में आयोजित टीआई स्थिरता शिखर सम्मेलन 2021 में ऑनलाइन दिए संबोधन में कैबिनेट मंत्री जेम्स संगमा ने कहा कि हम राज्य स्कूल पाठ्यक्रम में जलवायु परिवर्तन को एक विषय के तौर पर शामिल करने के लिए सबकी सहमति बनाने की प्रक्रिया में है.

कैबिनेट मंत्री जेम्स संगमा
कैबिनेट मंत्री जेम्स संगमा

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Published : Oct 6, 2021, 5:22 PM IST

हैदराबाद :मेघालय सरकार लोगों को जागरूक बनाने के लिए जलवायु परिवर्तन पर एक संग्राहलय का निर्माण करने के अलावा चमड़ा बनाने के लिए अनानास के उपयोग की जांच कर रही है. राज्य के वन एवं पर्यावरण और ऊर्जा के लिए कैबिनेट मंत्री जेम्स संगमा ने यह जानकारी साझा की है.

टीआईई हैदराबाद द्वारा आयोजित टीआई स्थिरता शिखर सम्मेलन 2021 में ऑनलाइन दिए संबोधन में मंत्री जेम्स संगमा ने कहा कि राज्य स्कूल पाठ्यक्रम में जलवायु परिवर्तन को एक विषय के तौर पर शामिल करने के लिए सबकी सहमति बनाने की प्रक्रिया में है.

शाकाहारी चमड़ा ऐसी सामग्री है जो सामान्य चमड़े जैसा होता है, लेकिन जानवर के मांस के बजाय पौधों के किसी भाग से या कृत्रिम उत्पाद से बना हुआ होता है. एक विज्ञप्ति में संगमा के हवाले से कहा गया, मेघालय भारत के प्रमुख अनानास उत्पादक राज्यों में से एक है.

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यह भारत में उत्पादित कुल अनानास में आठ प्रतिशत का योगदान देता है और अनानास राज्य की सबसे महत्वपूर्ण फल फसल है. हम शाकाहारी चमड़े के लिए अनानास पर काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं हम विद्यार्थियों को जागरूक बनाने के लिए स्कूल पाठ्यक्रम में जलवायु परिवर्तन को विषय के रूप में शामिल करने के लिए सर्वसम्मति बनाने पर भी काम कर रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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