कानपुर : पुराने जमाने में कबूतर चिट्ठी लेकर एक जगह से दूसरी जगह जाते थे. कई फिल्मों में कबूतर से हीरो-हीरोइन ने एक-दूसरे के पास चिट्ठियां भेजीं. कानपुर के गांव कठारा में ऐसा ही एक कबूतर गुरुवार सुबह मिला, जो खून से लिखे खत को लेकर जा रहा था. मगर वह गलत पते पर एक किसान के घर पहुंच गया. थाना बिधनू के कठारा गांव के लोगों ने जब कबूतर के गले से चिट्ठी निकाली तो सन्न रह गए. यह खत उर्दू लैंग्वेज में खून से लिखा गया है. ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. पुलिस उर्दू भाषा के एक्सपर्ट से इसे पढ़वाने की कोशिश कर रही है, ताकि सच सामने आ सके. हालांकि गांव वाले तंत्र-मंत्र की आशंका से दहशतजदा है. बिधनू थाना एसएचओ योगेश कुमार सिंह ने बताया कि चिट्ठी के जरिये इस पूरे घटनाक्रम की जांच की जा रही है.
बिधनू थाना क्षेत्र के कठारा गांव निवासी धर्मेंद्र कुशवाहा ने बताया कि गुरुवार सुबह घर के बाहर जब वह चारा देने जा रहे थे तभी उन्होंने घर के बाहर चबूतरे पर एक कबूतर को बैठे देखा. यह कबूतर काफी देर से गुटूर गुटूर कर रहा था. पास जाने पर उन्होंने कबूतर के गले में एक कागज के टुकड़े को बंधा हुआ देखा. इसके बाद उन्होंने अपने आस-पड़ोस के लोगों की मदद से कबूतर को पकड़ लिया. लोगों ने उसके गले में बंधे हुए कागज के टुकड़े को निकालकर उसमें लिखी पंक्तियों को भी जानने की कोशिश की. उर्दू में लिखी गई चिट्ठी होने कारण ग्रामीण यह समझ नहीं पाए कि उसमें आखिर लिखा क्या हुआ है ?
ग्रामीणों का कहना है कि कबूतर के गले से बंधे मिले कागज के टुकड़े में 7 पंक्तियों में कुछ लिखा था. कागज के दूसरी तरफ कुछ खून के धब्बे भी लगे हुए हैं, जिसको देखकर ग्रामीणों में काफी दहशत है.