दुमका:कोरोना काल में काफी लोग बेरोजगार हो गए. आफत ऐसी आन पड़ी है कि पेट चलाने के लिए मजबूरी में लोग कुछ भी करने को तैयार हैं. बेरोजगारी का दंश और आर्थिक तंगी झेल रहे दुमका के फिजिक्स टीचर अश्वनी कश्यप फुटपाथ पर नारियल पानी बेचने को मजबूर हैं. लॉकडाउन के चलते सारी कमाई ठप हो गई और घर चलाने का कोई जरिया नहीं बचा तब नारियल पानी बेचना शुरू कर दिया.
झारखंड : कोरोना ने छीना रोजगार, फिजिक्स टीचर नारियल पानी बेचने को हुए मजबूर - Physics teacher Ashwani Kashyap of dumka
कोरोना के चलते दुमका के फिजिक्स टीचर अश्वनी कश्यप की कोचिंग पिछले एक साल से बंद है. लॉकडाउन के चलते सारी कमाई ठप हो गई और घर चलाने का कोई जरिया नहीं बचा तब अश्वनी ने नारियल पानी बेचना शुरू कर दिया.
हर दिन हो रही 300-400 डाभ की बिक्री
अश्वनी दुमका के संथाल परगना महाविद्यालय में क्लास के हिसाब से वेतन आधारित शिक्षक हैं. इसके साथ ही वे किराये पर एक जगह लेकर कोचिंग सेंटर भी चलाते हैं. महीनों से कॉलेज बंद है और इसके चलते क्लास नहीं हो रही है. ऐसे में यूनिवर्सिटी से उन्हें कोई भुगतान नहीं हो रहा है. कोचिंग सेंटर बंद रहने से फीस भी नहीं मिल रही है. कोचिंग सेंटर का आठ हजार रुपए किराया हर महीने देना पड़ रहा है. परिवार चलाने और किराया भरने के लिए अश्विनी ने नारियल पानी का कारोबार शुरू किया. अश्वनी पश्चिम बंगाल से नारियल मंगवाते हैं. कोरोना काल में डाभ की अच्छी बिक्री है और हर दिन तीन से चार सौ डाभ की बिक्री हो जाती है. वे इसकी होम डिलीवरी भी कर रहे हैं.
इस बारे में फिजिक्स टीचर अश्वनी कश्यप ने बताया किकोरोना की वजह से काफी परेशान हो चुका हूं. पिछले एक साल से कोरोना के कारण बेरोजगारी से परेशान हूं. समझ नहीं आ रहा था जीवन कैसे चलेगा. थोड़े बहुत जो पैसे बचाकर रखे थे सब खत्म हो गए. आखिरकार थक हारकर नारियल पानी बेच रहा हूं.