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Marma Therapy: जो लोग दर्द से हैं परेशान, हरिद्वार में मर्म चिकित्सा से मिल रहा आराम

मर्म थेरेपी एक आयुर्वेदिक थेरेपी है, जिसका इतिहास 5000 साल पुराना है. मर्म शब्द संस्कृत के शब्द 'मृण' से निकला है. इसका अर्थ 'छिपा हुआ' होता है. मर्म थेरेपी से शारीरिक दर्द चुटकियों में ठीक हो जाता है. हरिद्वार स्थित उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में इन दिनों मर्म चकित्सा का लाभ लेने के लिए मरीज आ रहे हैं तो दूसरे राज्यों के आयुर्वेद डॉक्टर भी इस थेरेपी को सीखने पहुंच रहे हैं.

Marma Chikitsa
मर्म चिकित्सा समाचार

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Published : May 23, 2023, 5:05 PM IST

Updated : May 24, 2023, 2:15 PM IST

मर्म चिकित्सा पद्धति से लोगों को मिल रही रोगों से निजात.

हरिद्वार (उत्तराखंड): उत्तराखंड आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के हरिद्वार स्थित गुरुकुल और ऋषिकुल कैंपस में मर्म चिकित्सा पद्धति लोगों को कई पुराने रोगों से निजात दिला रही है. ये चिकित्सा पद्धति शरीर और मांसपेशियों के दर्द में संजीवनी साबित हो रही है. मर्म चिकित्सा के अचूक परिणामों को जानकर दूसरे राज्यों के आयुर्वेद डॉक्टर भी यहां ट्रेनिंग लेने पहुंचते हैं.

मर्म चिकित्सा बनी लाख दुखों की एक दवा.

क्या है मर्म चिकित्सा: आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा को ऋषियों और वैज्ञानिकों ने विकसित किया है. लेकिन मर्म चिकित्सा को प्रकृति की ओर से दी गई चिकित्सा कहा जाता है. इसमें शरीर के कुल 107 बिंदुओं को दबाकर कई रोगों का इलाज किया जाता है. मांसपेशियों के दर्द में मर्म चिकित्सा पद्धति बहुत कारगर है. मर्म चिकित्सा पर शोध करने वाले डॉक्टर सुनील जोशी के मुताबिक लोगों में मर्म चिकित्सा पद्धति को लेकर अब काफी जागरूकता आ रही है ओर कई लोग इस इससे ठीक भी हो रहे है.

ऋषिकुल आयुर्वेद कॉलेज में हो रही मर्म चिकित्सा: गुरुकुल और ऋषिकुल आयुर्वेद कॉलेज में भर्ती कई मरीज नियमित रूप से मर्म चिकित्सा करा रहे हैं. वहीं बाहर से पहुंचने वाले दूसरे मरीज भी इस चिकित्सा पद्धति को कारगर मानते हैं. वे कहते हैं की मर्म चिकित्सा से उन्हें पुराने दर्द से राहत मिली है. उन्होंने अपना एक्सपीरियंस साझा करते हुए बताया कि काफी समय से पेन किलर इसके सहारे राहत मिलने की कोशिश करते रहे थे. जब से यहां पर उपचार चल रहा है, तब से पेन किलर की आवश्यकता नहीं पड़ती और काफी रिलीफ भी मिलता है.

क्या कहते हैं मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ राजीव: अपने हाथों से मरीजों को मर्म उपचार देने वाले डॉक्टर राजीव कुमार बताते हैं कि मर्म बिंदुओं को दबाने के बाद कई मरीज त्वरित मिलने वाली राहत के बारे में बताते हैं. हर बीमारी के लिए अलग-अलग मर्म यानी बिंदु को निर्धारित समय तक दबाया जाता है. जिससे रोगों में स्थाई रूप से फायदा मिलता है ओर रोग धीरे धीरे समाप्त हो जाता है.

दूसरे राज्यों के आयुर्वेद डॉक्टर मर्म चिकित्सा जानने आ रहे हैं: उत्तराखंड आयुर्वेद यूनिवर्सिटी का ऋषिकुल और गुरुकुल कैंपस मर्म चिकित्सा पद्धति का प्रमुख केंद्र बना हुआ है. मर्म चिकित्सा पर हुए गहन शोध के बाद यूनिवर्सिटी में इसे एक उपचार पद्धति के रूप में मान्यता मिली है. वहीं दूसरे प्रदेशों के आयुर्वेद डॉक्टर भी यहां इस चिकित्सा पद्धति के बारे में जानने के लिए पहुंचते रहते हैं.
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मर्म चिकित्सा के फायदे:मर्म चिकित्सा हमारे शरीर के लिए बहुत प्रकार से लाभदायक होती है. यह हमारे शरीर में शारीरिक रूप से, मानसिक रूप से और अध्यात्मिक रूप से काम करती है. यह हमारे शरीर के लिए बहुत बेहतरीन मानी जाती है. शरीर को क्रोनिक पेन से मुक्ति दिलाती है. शरीर का हर प्रकार से डिटॉक्सिफिकेशन करती है. आपकी इम्यूनिटी, पाचन, रेस्पिरेटरी व न्यूरल हेल्थ को बेहतर बनाती है. स्किन को हेल्दी बनाती है. शारीरिक तापमान को संतुलित करने में सहायक है. कुछ न्यूरो केमिकल्स जैसे सेरोटोनिन, मेलाटोनिन को रिलीज करने में मदद करती है, जिसकी मदद से आपको चैन की नींद आती है.

Last Updated : May 24, 2023, 2:15 PM IST

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