नई दिल्ली: केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) ने शनिवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) को 30 जून तक सिंगल यूज प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की सलाह जारी की है. मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 30 जून की समय सीमा तक एसयूपी पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को पूरा करने के लिए कई तरह की गतिविधियां करने को कहा है.
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी नागरिकों, छात्रों, स्वैच्छिक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, स्थानीय गैर सरकारी संगठनों की भागीदारी के साथ प्लास्टिक कचरा संग्रह पर विशेष जोर देने के साथ-साथ बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान के साथ बड़े पैमाने पर सफाई और प्लगिंग अभियान चलाने के लिए कहा गया है.
बता दें कि भारत के 4,700 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में से केवल 2,500 ने एक जुलाई तक सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. इस संबंध में अधिक ध्यान नहीं दिए जाने पर आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) को उन्हें सिंगल यूज प्लास्टिक यानी एकल-उपयोग प्लास्टिक को चरणबद्ध रूप से समाप्त करने और व्यापक स्वच्छ और हरित एजेंडे में योगदान करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
इसी क्रम में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी) के अनुसार, 4,704 यूएलबी में से 2,591 ने पहले ही एसयूपी प्रतिबंध की अधिसूचना की सूचना दी है, इसलिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शेष 2,100 से अधिक यूएलबी 30 जून तक इसे अधिसूचित करें.
स्वच्छ भारत मिशन : शहरी 2.0 के तहत, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, जिसमें एसयूपी का उन्मूलन शामिल है, फोकस का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है. मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक विस्तृत सलाह भी जारी की है, जिसमें प्लास्टिक कचरा संग्रह पर विशेष जोर देने के साथ-साथ बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान सहित बड़े पैमाने पर सफाई और प्लॉगिंग ड्राइव सहित कई गतिविधियों को शुरू करने की अपील की गई है.
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प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधित) नियम, 2021 के अनुसार, 75 माइक्रोन (यानी 0.075 मिमी मोटाई) से कम वर्जिन या पुनर्नवीनीकरण प्लास्टिक से बने कैरी बैग के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग को पीडब्लूएम नियम, 2016 के तहत पहले अनुशंसित 50 माइक्रोन के विपरीत 30 सितंबर, 2021 से प्रभावी रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है.