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Pharma industry : वैश्विक स्तर पर अगुवा बनने के लिए इनोवेटिव प्रोडक्ट पर ध्यान दे दवा उद्योग : मंडाविया - फार्मा मेडटेक सेक्टर

केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने दवा-चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में शोध एवं विकास और नवोन्मेषण पर राष्ट्रीय नीति शुरू की. उन्होंने चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनियों का आह्वान किया कि वे भारत में वैश्विक बाजारों के लिए महत्वपूर्ण उपकरण तैयार करें.

Mansukh Mandaviya and other
मनसुख मंडाविया व अन्य

By PTI

Published : Sep 26, 2023, 3:03 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने कहा है कि घरेलू दवा उद्योग (Pharma industry) को मूल्य श्रृंखला में आगे बढ़ने और क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अगुवा की भूमिका हासिल करने के लिए शोध एवं विकास (आरएंडडी) पर ध्यान देने की जरूरत है.

मंडाविया के पास रसायन और उर्वरक मंत्रालय का प्रभार भी है. उन्होंने चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनियों का आह्वान किया कि वे भारत में वैश्विक बाजारों के लिए महत्वपूर्ण उपकरण तैयार करें.

मंडाविया ने मंगलवार को दवा-चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में शोध एवं विकास और नवोन्मेषण पर राष्ट्रीय नीति का औपचारिक रूप से अनावरण करते हुए कहा कि घरेलू दवा कंपनियां बहुराष्ट्रीय फर्मों की तुलना में अनुसंधान और विकास पर कम निवेश करती हैं.

उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने मुनाफे का 20-25 प्रतिशत शोध और नवोन्मेषण पर खर्च करती हैं, जबकि भारतीय कंपनियों के लिए यह औसतन 10 प्रतिशत है. जब तक हम शोध-आधारित नवोन्मेषी उत्पाद नहीं लाते हैं, तबतक हम इस क्षेत्र की अगुवाई नहीं कर सकते हैं.' उन्होंने कहा कि सरकार 2047 तक फार्मा उद्योग को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है. मंडाविया ने दवा उद्योग से कहा कि वह सिर्फ मात्रा पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय गुणवत्ता वाले उत्पाद विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करे.

उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू दवा क्षेत्र में बदलाव के लिए उद्योग और शिक्षा जगत के साथ मिलकर काम कर रही है. फार्मास्युटिकल्स विभाग (डीओपी) ने इस साल अगस्त में भारत में दवा-चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में शोध एवं विकास और नवोन्मेषण पर राष्ट्रीय नीति अधिसूचित की थी.

इस नीति का उद्देश्य परंपरागत दवाओं और चिकित्सा उपकरण सहित फार्मास्युटिकल्स क्षेत्र में शोध एवं विकास को बढ़ावा देना है. इस मौके पर नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा कि फार्मा क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और अन्य पहल से पूरे क्षेत्र के परिदृश्य में बदलाव आने की उम्मीद है.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक राजीव बहल ने दवा-चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में शोध एवं विकास और नवोन्मेषण पर राष्ट्रीय नीति को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि यह संभवतः पिछले कई साल की सबसे महत्वपूर्ण योजना है.

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