नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक शीर्ष पदाधिकारी ने सोमवार को दावा(RSS functionary alleges) किया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एक 'गंभीर खतरा' है क्योंकि इसके सदस्य हिंसक गतिविधियों में लिप्त हैं और समाज में सांप्रदायिक नफरत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. केरल का यह कट्टरपंथी समूह हाल ही में तब सुर्खियों में आया था जब इसकी छात्र शाखा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया को कर्नाटक में हिजाब विवाद से जोड़ा गया था. इसपर आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि, 'एबीवीपी (आरएसएस की छात्र इकाई) उनके सांप्रदायिक एजेंडे को बेनकाब करने की कोशिश कर रही है.'
आंबेकर ने यह भी कहा कि, 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एक गंभीर खतरा है क्योंकि वे हिंसक गतिविधियों में लिप्त हैं और वे सांप्रदायिक नफरत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. लोगों को इसके बारे में जागरूक होना चाहिए.' इस बीच, संघ के एक अन्य पदाधिकारी ने कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया पर हत्याओं में शामिल होने का भी आरोप लगाया और इस संगठन को 2017 में आरएसएस के स्वयंसेवकों और छात्रों की हत्या से भी जोड़ने का प्रयास किया.