हैदराबाद :रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल करीब 120 डॉलर से अधिक हो गई है. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया है कि फटाफट पेट्रोल टैंक फुल करवा लीजिए. मोदी सरकार का 'चुनावी' ऑफर ख़त्म होने जा रहा है. दरअसल पेट्रोल डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर विपक्ष बराबर सरकार पर निशाना साधता रहा है. राहुल गांधी ने ट्वीट के जरिए सरकार पर निशाना साधा है.
उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने के कारण बीते चार महीने से ईंधन के दाम नहीं बढ़े हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार पर दबाव है. कच्चे तेल की कीमतें गुरुवार को 120 डॉलर प्रति बैरल के पार चली गईं थी जो बीते नौ वर्षों में सर्वाधिक हैं. हालांकि शुक्रवार को दाम थोड़े घटकर 111 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए. इसके बावजूद तेल की लागत और खुदरा बिक्री दरों के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है.
पेट्रोल-डीजल के दाम 12 रुपये से अधिक बढ़ाने की जरूरतः रिपोर्ट
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते दो महीनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल के दाम बढ़ने से सरकारी स्वामित्व वाले खुदरा तेल विक्रेताओं को लागत वसूली के लिए 16 मार्च 2022 या उससे पहले ईंधन के दामों में 12.1 प्रति लीटर की वृद्धि करनी होगी. वहीं तेल कंपनियों के मार्जिन को भी जोड़ लें तो 15.1 रुपये प्रति लीटर की मूल्य वृद्धि की आवश्यकता है.