कोलकाता: पिछले तीन दिनों में कई राजनीतिक पार्टियों ने पेट्रोल के बढ़ते दामों को लेकर कोलकाता में कई जगहों पर प्रदर्शन किया. फिर भी उस प्रदर्शन का कोई असर दिखने को नहीं मिला. इस बारे में ईटीवी भारत ने पेट्रोल पंप डीलर और मालिकों से बात कर उनकी परेशानी जानीं.
पेट्रोल पंप मालिकों ने माना कि पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल खरीदने के लिए पेट्रोल पंपों पर भीड़ काफी हद तक बढ़ गई थी. पेट्रोल पंप मालिकों को लगता है कि अगर पेट्रोल की कीमत में वृद्धि जारी रहेगा, तो कई कार या मोटरसाइकिल मालिक अपने वाहनों का उपयोग करना कम कर देंगे, जिससे पंप पर होने वाली बिक्री के आंकड़े प्रभावित होंगे.
12 फरवरी 2021 के बाद से दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई चार शहरों में पेट्रोल और डीजल के दामों में अधिकतम वृद्धि देखने को मिला है. पंप मालिकों ने यह माना है कि तेल की कीमतों के बढ़ने से उनके व्यापार पर असर पड़ा है.
पंप मालिक ने कहा कि सरकार को दाम को स्थिर करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है. हमें समझ नहीं आ रहा है कि सरकार इस तरह के कदम क्यों उठा रही है और पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में लगातार वृद्धि हो रही है.
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एक कार के मालिक ने कहा कि हर महीने पांच हजार रुपये पेट्रोल पर खर्च करना या ठीक उतना ही रोज की आवश्यकता पर खर्च करें. सरकार क्या करना चाहती है यह समझ नहीं आ रहा है. पंप के मालिक ने कहा कि रोज की बढ़ती कीमतों के बीच लोगों का पंप पर आना कम हो गया है.
10 फरवरी, 2021 को कोलकाता में प्रति लीटर पेट्रोल में 25 पैसे की बढ़ोतरी देखी गई. प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत उस दिन बढ़कर 88.99 रुपये हो गई, जबकि डीजल की कीमत बढ़कर 81.31 रुपये हो गई. डीलरों और वाहन मालिकों ने कहा कि कम से कम सरकार को इस साल विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए कीमत को स्थिर बनाने के लिए कुछ करना चाहिए.