नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र (parliament budget session) में ईंधन की कीमतों में उछाल के मुद्दे पर हंगाम हुआ. विपक्षी दल महंगाई और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रही हैं. ईंधन और रसोई गैस की कीमतों लगातार हो रही वृद्धि के मुद्दे पर सरकार पर असंवेदनशील और चर्चा से भागने के आरोप लग रहे हैं. सोमवार को विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया. हंगामा न थमने के कारण उच्च सदन की कार्यवाही 11 मिनट के भीतर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. दोबारा कार्यवाही शुरू होने के बाद भी विपक्षी सांसद वेल में घुसकर नारेबाजी करते दिखे. हंगामा न थमता देख कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी.
महंगाई के मुद्दे पर बाधित हुई राज्य सभा की कार्यवाही : अपराह्न दो बजे कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी विपक्ष का हंगामा नहीं थमा. सभापति ने सदन में व्यवस्था न बनती देख कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी. अब राज्यसभा की कार्यवाही पांच अप्रैल पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होगी. इससे पहले द्रविड़ मुनेत्र कषगम के तिरूची शिवा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वम, तृणमूल कांग्रेस के अबीर रंजन विश्वास और कांग्रेस सदस्य के सी वेणुगोपाल ने नियम 267 के तहत पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की कीमतों में हुई वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा कराने के नोटिस दिए थे. हालांकि सभापति एम वेंकैया नायडू ने यह कहते हुए सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए कि वित्त और विनियोग विधेयक पर बहस के दौरान सदस्यों को इन मुद्दों पर अपनी बात रखने का पर्याप्त अवसर मिल चुका है.
कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्रीय सेवा नियम, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर भी लागू होने संबंधी केंद्र की घोषणा का मुद्दा उठाने के लिए नोटिस दिया था. सभापति नायडू ने हुड्डा के इस नोटिस को भी अस्वीकार कर दिया. इसके बाद, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और वामपंथी दलों सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया. हंगामा कर रहे सदस्यों से नायडू ने अनुरोध किया वह अपने स्थान पर चले जाएं और शून्यकाल के तहत सदस्यों को अपने मुद्दे उठाने दें. अपनी बात का असर होते न देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 11 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.